UP news
गोरखपुर : 15 लाख रुपये में दरोगा बनाने का ठेका लेनेवाले एक गिरोह का पर्दाफाश , तीन गिरफ़्तार
गोरखपुर । 15 लाख रुपये में दरोगा बनाने का ठेका लेनेवाले एक गिरोह के तीन सदस्यों को मंगलवार को गोरखपुर एसटीएफ ने तारामंडल इलाके से दबोच लिया। केन्द्र संचालकों से सांठ-गांठ कर यह गिरोह बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों को दरोगा की परीक्षा पास कराने वाला था.
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस और अन्य पदों की सीधी भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा-2021 में गोरखपुर में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा की तैयारी है। टीम सक्रिय हुई तो पता चला कि अश्वनी दूबे केंद्र संचालक माडेंटो वेन्चर्स प्रा लि., अनुभव सिंह क्लस्टर हेड एनएसईआईटी गोरखपुर, आशीष शुक्ला केंद्र संचालक कैवेलियर एनीमेशन सेंटर एनएसईआईटी गोरखपुर, दीपक, दिवाकर उर्फ रिन्टू एवं सेनापति केन्द्र संचालक सिद्धि विनायक ऑनलाइन सेंटर गोरखपुर, नित्यानन्द गौड़, संतोष यादव, रजनीश दीक्षित, केन्द्र संचालक ओम ऑनलाइन सेंटर मिलकर नकल कराने की योजना बना रहे हैं।
ये लोग देवरिया बाईपास मोड़ पर कुछ अभ्यार्थियों से परीक्षा में पास कराने के नाम पर रुपए लेने वाले हैं। सूचना पर इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में टीम ने घेराबंदी कर तीन आरोपियों को पकड़ लिया।
टीम ने इस गिरोह उस वक्त पकड़ा जब वह अभ्यर्थियों से पैसा लेने जा रहा था। इनकी पहचान एनएसईआईटी के कलस्टर हेड व गुलरिहा थाना क्षेत्र के शिवपुर सहबाजगंज निवासी अनुभव सिंह, महराजगंज जिले के घुघुली के अहिरौली निवासी नित्यानंद गौड़ व चिलुआताल क्षेत्र के महेसरा निवासी सेनापति सहानी के रूप में हुई।
पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि अभ्यार्थियों से रुपए वसूल कर उन्हें परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र के लैब या फिर अलग कमरे में बैठाकर नकल कराते हैं। इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों से मिली जानकारी के आधार पर जल्द ही इस गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों को भी पकड़ लिया जाएगा। आरोपितों के पास से टीम ने 6100, दो आधार कार्ड, एक डीएल, तीन मोबाइल, चार पेन ड्राइव, एक पैन कार्ड बरामद किया है। एसटीएफ ने तीनों पर रामगढ़ताल थाने में साजिश और जालसाजी सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया है।
पकड़े गए अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हमलोगों की सेंटर पर अलग लैब या कमरे में बैठा उन अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलाने की बड़े पैमाने पर योजना थी पर गोरखपुर के इन अभ्यर्थियों का सेंटर अन्य जनपदों में होने की वजह यह योजना सफल नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि अलग जगह बैठाकर परीक्षा दिलाने ही नहीं, बल्कि सेटिंग वाले अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए साल्वर भी बुलाया जाता है। इसीलिए प्रति अभ्यर्थी से 15 लाख में सौदा होता है। नित्यानंद गौड ने बताया कि 15 और 16 नवम्बर को रजनीश दीक्षित ने दो अभ्यर्थियों के रोल नम्बर की स्लिप दी थी। जिसमें एक का सर नेम परिहार था। जिसे मुझे असली अभ्यर्थी की जगह ले जाकर बैठना था। गोरखपुर के कलस्टर हेड अनुभव सिंह की सहायता से यह अभ्यर्थी अपना बायोमेट्रिक लगाने के बाद बाहर चले गए और साल्वर को मैं अंदर लेकर गया था।
सेनापति ने बताया कि आशीष शुक्ला, दीपक और दिवाकर ने सेंटर का सीसीटीवी बंद करके एक मशीन मंगाई थी जिससे वे परीक्षा में नकल कराते हैं। दीपक और दिवाकर ऑन लाइन परीक्षा में साल्वर को बैठाते हैं। तीनों अभियुक्तों ने बताया कि सेटिंग वाले अभ्यर्थी को सेंटर के अलग कमरे में बैठाकर परीक्षा दिलाने की योजना थी पर जिनसे सेटिंग थी उनका सेंटर दूसरे जिले में चला गया। प्रति व्यक्ति 15 लाख रुपये में सौदा हुआ था। ओम सेंटर पर सेटिंग अभी तक दो लोगों की परीक्षा दिलाने की बात सामने आई है।