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यूपी: वाराणसी में सीएनजी इंजन की गुणवत्ता को लेकर नाव संचालकों में असंतोष, 17 नवंबर तक नहीं लगाने पर कार्रवाई की दी चेतावनी।

यूपी: वाराणसी में सीएनजी इंजन की गुणवत्ता को लेकर नाव संचालकों में असंतोष, 17 नवंबर तक नहीं लगाने पर कार्रवाई की दी चेतावनी।


वाराणसी। नगर निगम प्रशासन की ओर से गंगा नदी में पेट्रोल व डीजल इंजन से चालित नावों से बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए नावों को सीएनजी कराने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए नगर निगम व स्मार्ट सिटी की ओर से बकायदा घाटों पर कैंप लगाकर नावों को सीएनजी करने का काम किया जा रहा है। साथ ही 17 नवंबर तक सीएनजी नहीं कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है, लेकिन सीएनजी इंजन को लेकर नाव चालकों में असंतोष है।

वहीं इस संबंध में निषाद समाज के शंभूनाथ मांझी ने कहा कि शासन व प्रशासन का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को रोकना है, जिसके लिए समाज भी राजी है। सीएनजी इंजन लगाने को भी तैयार है, लेकिन जो इंजन लगाया जा रहा है वह सफल नहीं है। इसे लेकर निगम के अधिकारियों के साथ कई बार बैठक हुई, लेकिन हमलोग की जो मांग है वह इंजन नहीं दिया जा रहा है बल्कि दूसरा इंजन दिया जा रहा है। 

बता दें कि इसमें तकनीकी गड़बड़ी हो जा रही है तथा पदाधिकारियों से संपर्क के बाद अविलंब निदान नहीं हो पा रहा है। वहीं इंजन के जल्दी ठंडा होने की भी शिकायत आ रही है। कहा कि निषाद समाज की ओर से यह भी प्रस्ताव रखा गया कि उनके सुझाए इंजन को लगाने में जो भी अतिरिक्त खर्च आएगा उसका वहन वह लोग करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कार्तिक पूर्णिमा में कमाने का समय आया तो इस तरह की कार्रवाई से निराशा है। बताते चलें कि गंगा नदी में लगभग 668 नाव में 178 नावों में सीएनजी लगाया गया है।

वहीं दूसरी तरफ शंभूनाथ मांझी ने कहा कि सीएनजी की फीलिंग के लिए एकमात्र खिडि़किया घाट पर फीलिंग सेंटर बनाया गया है, जो अपर्याप्त साबित होगा। चार और फीलिंग सेंटर बन जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा। राजघाट से दशाश्वमेघ घाट तक दो तथा दशाश्वमेघ से अस्सी घाट तक दो बन जाए तो काफी सहूलियत होगी और यहां आने वाले लोगों को भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उधर स्मार्ट सिटी प्रशासन का कहना है कि पूरी जांचकर सीएनजी इंजन लगाया जा रहा है, जो सभी मानकों व मापदंडों पर खरा उतर रहा है।