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यूपी: वाराणसी स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में पिछड़ने के बाद नगर निगम प्रशासन ने बनाई रूपरेखा।

यूपी: वाराणसी स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में पिछड़ने के बाद नगर निगम प्रशासन ने बनाई रूपरेखा।


वाराणसी। स्वच्छता को लेकर कालोनी के रहनवार अब सजग हो जाइए। शहर भर की कालोनियों के साथ उनकी प्रतिस्पर्धा होने जा रही है। यह आयोजन नगर निगम प्रशासन की ओर से कराई जाएगी। टाप थ्री में आई कालोनियों में नगर निगम की ओर से स्मार्ट सुविधाओं का विकास किया जाएगा। साथ ही सबसे स्वच्छ कालोनी का प्रमाण पत्र भी मिलेगा। इस तरह की प्रतियोगिता में वे प्रतिष्ठान भी शामिल होंगे जो बल्क में वेस्ट जेनरेट करते हैं।

वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में तीन पायदान पिछडऩे के बाद देश भर की रैंकिंग में 30वां स्थान पाने वाला वाराणसी शहर आगामी सर्वेक्षण के लिए तैयारी तेज कर दी है। इस क्रम में नगर निगम प्रशासन ने नई पहल की है। इससे जहां लोगों में स्वच्छता के प्रति लोगों के अंदर जागरूकता आएगी तो वहीं, क्षेत्रवार स्वच्छता का मानक पूरा किया जा सकेगा। नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने इस योजना को लेकर बीते दिनों कैंप कार्यालय में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह समेत अन्य अफसरों के साथ मंथन कर चुके हैं। प्रतिस्पर्धा की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

वहीं दूसरी तरफ़ स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा में शामिल कालोनियों के रहनवार यह जान लें कि यदि वे टाप थ्री में आते हैं तो उनके कालोनी की सड़कें व पार्क स्मार्ट होंगे। सीवेज निस्तारण व पेयजल की सुविधा बिल्कुल दुरुस्त रहेगी। पार्क में ओपेन जिम लगाया जाएगा। खुले में रखे डस्टबिन गायब हो जाएंगे। घर-घर कचरा उठान के साथ ही नियमित तौर पर सफाई कराई जाएगी।

वहीं, दूसरी प्रतिस्पर्धा शहर के प्रतिष्ठानों के बीच होगी। इस श्रेणी में वे प्रतिष्ठान आएंगे जो एक सौ किलो कचरा प्रतिदिन जनरेट करते हैं। ऐसे होटल, रेस्टोरेंट, वैवाहिक लान आदि को शामिल करते हुए उन्हें कचरा प्रबंधन के मानक से अवगत कराया जाएगा। मानक पर उतरने वाले प्रतिष्ठानों को अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

बता दें कि बनारस से पहले नोएडा में यह प्रतियोगिता हो रही है। वहां के विकास प्राधिकरण की ओर से आयोजित की जा रही है। इसमें प्राधिकरण की ओर बसाई कई मल्टी स्टोरी बिल्डिंग की सोसाइटी शामिल है। इसमें प्रमाण पत्र के साथ ही कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए सोसाइटी को नकदी पुरस्कार भी दिया जाएगा। फिलहाल, कचरा प्रबंधन को लेकर बनारस तेजी से बेहतरी की ओर अग्रसर है। यहां प्रतिदिन 600 टन कचरा निकलता है।

वहीं कालोनियों व प्रतिष्ठानों के बीच प्रतिस्पर्धा कराने के लिए रूपरेखा तैयार हो रही है। इससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आएगी। दूसरे, नगर निगम के सहयोग से उन्हें कचरा का बेहतर प्रबंधन भी मालूम हो सकेगा।