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यूपी: वाराणसी में 350 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग सेंटर बनेंगे, मार्च 2022 तक कार्य होगा पूरा।

यूपी: वाराणसी में 350 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग सेंटर बनेंगे, मार्च 2022 तक कार्य होगा पूरा।


वाराणसी। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कुछ वर्षों के भीतर बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़क पर उतारने की तैयारी है या यूं कहें की बहुत जल्द अब पेट्रोल-डीजल के वाहनों के दिन लद जाएंगे। इस कोशिश से वाहन प्रदूषण कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड, सल्फर डाईआक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, हाइड्रोकार्बंस, अमोनिया एवं बड़ी मात्रा में पार्टिकुलेट मैटर पीएम-10 व पीएम-2.5 से मुक्त किया जाएगा। इस क्रम में तीनों सरकारी तेल कंपनियां अपने पंपों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग सेंटर स्थापित करने जा रही हैं। इसे अगले साल मार्च तक पूरा कर लेना है।

बता दें कि 15 सितंबर से सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग ने 'शून्य पहल शुरू की, जोकि अगले दो वर्षों में शहरी क्षेत्र में पूरी तरह से माल वाहक वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में परिवर्तित करेगी। इससे प्रदूषण के स्तर को शून्य स्तर पर ले जाने में मदद मिलेगी। इंडियन आयल कारपोरेशन की ओर से बनारस समेत कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर में कुल 350 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसे मार्च तक कार्य पूरा कर लेने का निर्देश जारी हुआ है। इसी प्रकार हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम ने भी सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

वहीं वाराणसी आटो मोबाइल डीलर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव कुशाग्र अग्रवाल ने बताया कि हर महीने अकेले वाराणसी में 200 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हो रही है। दाम भले ही ज्यादा है, लेकिन भविष्य की जरूरतों को देखते हुए लोग इसे अधिक पसंद करने लगे हैं। वाहनों की कमी भले ही चार्जिंग सेंटर संचालकों को खल रहा हो लेकिन उनका ये मानना है कि जागरूकता के साथ वाहनों की संख्या बढ़ी तो निश्चित ही व्यवसाय अच्छा होगा। 

वहीं सारनाथ स्थित मौर्य किसान सेवा केंद्र के संचालक बताते हैं कि कंपनी के एप से चार्जिंग अमाउंट तय होगा। प्रति यूनिट के हिसाब से चार्जिंग लिया जाएगा। बहरहाल, कंपनी एक बैटरी के बदले दूसरी चार्ज बैटरी वाहन संचालकों को देने की तैयारी में है। इससे चार्जिंग सेंटर पर वाहनों की भीड़ नहीं लगेगी। हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने प्रायोगिक तौर पर दुर्गाकुंड में टाटा पावर के साथ मिलकर कार्य प्रारंभ भी कर दिया है।

वहीं इंडियन आयल कारपोरेशन बनारस में चार जगहों पर चार्जिंग सेंटर बनाएगा। इसमें बाबतपुर-बड़ा गांव रोड पर आशा फिलिंग स्टेशन, लरहूपुर में टीएस फिलिंग केएसके, लच्छीरामपुर में नीलकांत किसान सेवा केंद्र और जंसा चौराहा और राजातालाब के बीच भैरव नाथ फिलिंग केएसके शामिल हैं।

बता दें कि चीन का लीथियम बैटरी निर्माण के क्षेत्र में दबदबा है। 70 फीसदी लीथियम बैटरी का निर्माण अकेले चीन में होता है। शेष जापान, अजेंटीना, आस्ट्रेलिया समेत अमरीका में होता है। बहरहाल, भारत में इन देशों से बैटरी का आयात किया जाता है। बता दें कि मोबाइल फोन, टीवी, रिमोर्ट, लैपटाप समेत इलेक्ट्रिक वाहनों में लीथियम बैटरी का उपयोग किया जाता है। जानकारों के मुताबिक इसका निर्माण भारत में शुरू होने से कीमतें भी खासी कम होंगी। ये तकरीबन आधी हो जाएंगी।