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मध्य प्रदेश: शनिचरी अमावस्या 4 दिसंबर के दिन इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण। .
ग्वालियर। शनिचरी अमावस्या 4 दिसंबर के दिन इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है लेकिन भारत में ग्रहण का सूतक पातक दोष मान्य नहीं होगा। जो जातक शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया, महादशा अंतर्दशा से पीड़ित हैं उन्हें उपाय करने से राहत मिलेगी। अभी कुछ दिन पहले ही सबसे लंबी अवधि वाला चंद्र ग्रहण लगा था। इसके 15 दिन बाद ही शनिवार 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस साल 2021 का यह दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। इस बार खास बात ये है कि इस सूर्यग्रहण पर शनिचरी अमावस्या का संयोग बन रहा है।
वहीं बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी ने बताया कि विक्रम संवत 2078 मार्गशीर्ष मास शनिचरी अमावस्या के दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है। वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र तथा जेष्ठा नक्षत्र इससे सबसे अधिक प्रभावित होगा। 3 दिसंबर शाम 4 बजकर 55 से अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी।
वहीं ये शनिवार दोपहर 1 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया, शनि की महादशा या अंतर्दशा जिन जातकों की विपरीत चल रही है वह शनिचरी अमावस्या के दिन शमी के पेड़ और पीपल के पेड़ की पूजा करें और दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। सरसों के तेल का दान करें इस दिन सरसों की खली का तुलादान करना भी काफी लाभकारी होता है।
वहीं सूर्य ग्रहण का समय 4 दिसंबर शनिवार को सुबी 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। वहीं यहां के ऐति गांव में विश्व प्रसिद्ध मंदिर में इस खास दिन पर शनि देव का अभिषेक करने के लिए भारी संख्या में जातकों की भीड़ नजर आएगी।
बता दें कि शनि से पीड़ित जातक इस दिन इस मंदिर में अपने केश भी दान करते हैं। तेल का तुलादान करने के अलावा इस दिन जूता चप्पलों का दान भी किया जाता है। इस दिन शनि मंदिरों में काफी संख्या में लोग पूजा करने पहुंचेंगे। वहीं भारत में किसी भी स्थान पर सूर्यग्रहण नजर नहीं आएगा। लेकिन आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, मोरोसिस में ये नजर आएगा।