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बिहार: बुधवार शाम 5:30 बजे अस्‍ताचलगामी सूर्य और गुरुवार सुबह 6:34 बजे उदयीमान सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्‍य।

बिहार: बुधवार शाम 5:30 बजे अस्‍ताचलगामी सूर्य और गुरुवार सुबह 6:34 बजे उदयीमान सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्‍य।


बक्सर। चार दिनों तक चलने वाले महापर्व छठ की शुरुआत सोमवार से नहाय खाय के साथ हो गई। पहले दिन व्रतियों ने स्नान किए जाने के बाद नए वस्त्र धारण किए और मिट्टी के चूल्हे पर बने कद्दू और चने दाल की सब्जी व चावल का भोग लगाया और वही प्रसाद के तौर पर सबों ने पारण किया। लोक आस्था का महापर्व छठ प्रकृति का पर्व है। विशेष बात तो यह है कि यह पर्व बिना किसी कर्मकांड के संपन्न होता है। 

वहीं इसमें सूर्य की उपासना तो की ही जाती है, प्रसाद के रूप में मौसमी फल, सब्जी और अनाज का उपयोग किया जाता है। दूसरी ओर पर्वोत्सव को लेकर शहर से लेकर कस्बाई इलाकों तक फलों की दुकानें सज गई हैं। सीताफल, गागर नींबू, अनानास आदि फल जो इससे पूर्व बाजार में नहीं दिखते थे उनकी भी आवक हो गई है।

बता दें कि महापर्व छठ में पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है। इस कारण नहाय खाय से पहले घर के कोने-कोने की साफ-सफाई बेहतर तरीके से की गई। गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण किया गया। इसके बाद व्रती महिलाओं ने गंगा घाट पर जाकर स्नान किया। साथ में गंगाजल लेकर लौटीं और शुद्धता के साथ मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर चावल व कद्दू-चने दाल की प्रसाद बनाईं और खुद खाने के बाद स्वजनों को खिलाईं। आज मंगलवार को खरना की पूजा होगी। माना जाता है कि नहाय खाय और खरना के प्रसाद से मन और आत्मा की शुद्धि होती है।

वहीं त्योहार को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है। मॉडल चौराहा, पीपी रोड, मुनीम चौक, यमुना चौक, ठठेरी बाजार, सिंडीकेट आदि स्थानों पर फलों की सजी दुकानों से बाजार की रौनक बढ़ गई है। आचार्य अमरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि बुधवार को भगवान भास्कर 5:27 पर अस्त हो रहे हैं। अत: व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्‍य शाम 4:55 बजे से 5:30 बजे तक तथा गुरुवार की तड़के 6:34 पर उदीयमान हो रहे सूर्य को सुबह 6:00 बजे से 6:45 बजे तक के समयाकाल में अर्घ्‍यदान कर सकते हैं।