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यूपी: गंगा एक्सप्रेसवे को पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी, मेरठ से प्रयागराज तक 594 क‍िलोमीटर होगा लंबा हाईवे। .

यूपी: गंगा एक्सप्रेसवे को पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी, मेरठ से प्रयागराज तक 594 क‍िलोमीटर होगा लंबा हाईवे। .


मेरठ। अभी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण हुआ है और अब गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण का भी रास्ता साफ हो गया है। मेरठ से प्रयागराज तक इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाण-पत्र एनओसी जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीडा निविदा की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुका है। इसके पूरा होते ही एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कराने की तैयारी है।

वहीं योगी सरकार मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है। यूपीडा द्वारा तय किए गए अलाइनमेंट के आधार पर छह लेन चौड़े आठ लेन विस्तारणीय एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है। दावा है कि अब तक लगभग 94 प्रतिशत भूमि क्रय-अधिग्रहीत की जा चुकी है। काफी समय से यूपीडा पर्यावरणीय मंजूरी के लिए प्रयासरत था। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को राज्यस्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण, उप्र के सदस्य सचिव की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।

बता दें कि परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36230 करोड़ रुपये है। निर्माण के लिए पीपीपी मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, आपरेट एवं ट्रांसफर पद्धति पर निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही इसका निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। शिलान्यास प्रधानमंत्री से कराने की तैयारी है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में पीएम ने गाजीपुर से लखनऊ तक बनाए गए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण सुलतानपुर से किया। कुछ महीनों में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन भी संभावित है।

यूपीडा अधिकारियों का कहना है कि इस एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण से रोजगार के अवसर भी तैयार होंगे। ऐसा अनुमान है कि निर्माण के दौरान लगभग 12000 व्यक्तियों को अस्थायी रूप से काम मिलेगा, जबकि टोल प्लाजा बनने पर लगभग 100 व्यक्तियों को स्थायी आधार पर रोजगार दिया जा सकेगा।