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हरियाणा: नारनौल में आज़ादी के 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव के तहत पंचायत भवन में आयोजित डिजिटल प्रदर्शनी का हुआ समापन।

हरियाणा: नारनौल में आज़ादी के 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव के तहत पंचायत भवन में आयोजित डिजिटल प्रदर्शनी का हुआ समापन।


हरियाणा। नारनौल में सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की ओर से हमारे पूर्वजों द्वारा आजादी के संघर्ष में दिए गए बलिदान को डिजिटल प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाना एक सराहनीय प्रयास है। इससे युवा वर्ग अपने इतिहास को देखकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यह बात उपायुक्त अजय कुमार ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव के तहत पंचायत भवन में आयोजित डिजिटल प्रदर्शनी के अंतिम दिन अवलोकन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इस प्रदर्शनी में 1857 से लेकर 1947 तक के इतिहास को अभिलेखों व तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया है। 

वहीं आजादी के लिए हमारे पूर्वजों को बहुत सारी कुर्बानियां देनी पड़ी थी। हमारी युवा पीढ़ी को इन कुर्बानियों को हमेशा याद रखना चाहिए। 1966 में हरियाणा के अलग प्रदेश बनने के बाद के विकास की यात्रा भी इस प्रदर्शनी में दिखाई गई है। जहां शुरुआती दौर में आर्थिक तौर पर बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करते हुए आज हरियाणा ने विकास के नए आयाम छुए हैं।

बता दें कि वहीं उन्होंने बताया कि 1966-67 में हरियाणा का सकल घरेलू उत्पाद केवल 540 करोड़ था, जो आज लगभग 83161 करोड़ रुपये से भी अधिक पहुंच गया है। इसी प्रकार राज्य की साक्षरता दर 1971 में जहां 26.89 फीसद थी। 2011 में ही यह 75.55 हो गई थी। प्रदेश में 1966-67 में शिक्षण संस्थानों की संख्या 5892 थी जो आज बढ़कर 25217 हो गई है। उस दौर में 1251 गांव में बिजली की सुविधा थी जबकि आज सभी गांव व ढाणियों में बिजली की सुविधा है। 

वहीं इसी प्रकार हरियाणा के अलग होने के बाद 170 गांवों में पेयजल की सुविधा थी जबकि आज लगभग 7416 गांवों व ढाणियों में पेयजल की सुविधा है और 2022 तक हरियाणा ने हर घर नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए अधिकारी लगातार कार्य कर रहे हैं। प्रदर्शनी के अंतिम दिन विभिन्न स्कूल व कालेज के विद्यार्थियों ने स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के योगदान की कहानी को प्रदर्शनी के माध्यम से समझा। वहीं इस अवसर पर नगराधीश अमित कुमार, डीडीपीओ ओम प्रकाश, डीआइपीआरओ उषा रानी के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।