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BHU में उर्दू विभाग के विवादित पोस्टर वाले प्रोग्राम का वीडियो सावर्जनिक हो: ABVP

BHU में उर्दू विभाग के विवादित पोस्टर वाले प्रोग्राम का वीडियो सावर्जनिक हो: ABVP

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में 9 नवंबर को उर्दू दिवस के प्रोग्राम के आमंत्रण में पंडित मदन मोहन मालवीय जी की चित्र की जगह पाकिस्तान के सैद्धांतिक जनक अल्लामा इकबाल की फोटो लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस कार्यक्रम का वीडियो सार्वजनिक करने की मांग की है. वहीं सावरकार मंच ने भी इस विवाद को लेकर एक पोस्टर जारी किया है.

हालांकि इस आमंत्रण को लेकर हुए विवाद के बाद बीएचयू प्रशासन बैक फुट पर आ गया था और इसके लिए सोशल मीडिया पर माफी भी मांगी गयी थी. इसके बावजूद मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले को लेकर बीएचयू के छात्रों के बाद अब सावरकर मंच ने एक पोस्टर विश्वविद्यालय में कई स्थानों पर लगाया है. इस पोस्टर में विवादित शब्दों का प्रयोग किया गया है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी के सदस्यों ने केसरी न्यूज नेटवर्क के वाराणसी संवाददाता विनीत जायसवाल से  कहा कि भाषा किसी मजहब की नहीं होती है. भाषा सबकी होती है. इस वेबिनार में विश्वविद्यालय की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. छात्र सुबोध कांत मिश्र ने कहा कि इस मामले में जांच के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन सदस्यीय एसआईटी टीम गठित की थी और यह टीम जांच कर रही है. इसमें शामिल दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी, तो हम लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.


छात्र आशीर्वाद दुबे ने कहा कि उर्दू विभाग में हुए वेबिनार को लेकर कुछ लोगों ने पोस्टर लगाए हैं. जो सही हैं और विश्वविद्यालय को जेएनयू बनाने नहीं दिया जाएगा. हमारी मांग है कि उर्दू दिवस पर हुए वेबिनार की वीडियो सार्वजनिक किया जाए. इससे सभी को पता चले कि उस वेबिनार में कौन-कौन से लोग शामिल हुए थे और कौन सी बातें की गई हैं