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Chhath Puja 2021: खरना व्रत आज, डूबते सूर्य को कल दिया जाएगा अर्घ्य
सुख-समृद्धि और पुत्र की दीर्घायु की कामना के निमित्त सूर्योपासना का चार दिवसीय छठ महापर्व सोमवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ। पर्व को लेकर सुबह से ही घरों में काफी उत्साह रहा। पहले दिन पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ-सफाई की गई। महिलाओं ने व्रत रखा और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर प्रसाद बनाया। अरवा चावल, चने की दाल, कद्दू, लौकी की सब्जी लहसुन प्याज रहित तैयार की गई। व्रती लोगों ने परिवार के साथ भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर संगम व गंगा-यमुना में आस्था की डुबकी लगाकर सूर्यदेव से मंगल कामना की गई। पर्व शुरू होते ही घर-आंगन छठ मइया के गीत से गुलजार हो गए। प्रसाद बनाते समय घरों में महिलाएं पहिले-पहिले हम कइली मइया बरत तोहार, करिह क्षमा छठी मइया भूल चूक गलती हमार..गीत भी गुनगुनाती रहीं।
संगम व अन्य घाटों पर लोगों ने पूजन के लिए वेदी का निर्माण किया। पर्व पर नियम, संयम का पालन करते हुए व्रती महिलाएं बिस्तर की बजाय जमीन पर शयन करेंगी। छठ पर्व पर इस बार कोरोना का कोई असर नहीं दिख रहा है।
छठ महापर्व के तहत मंगलवार को खरना व्रत होगा। महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रहेंगी। शाम को खरना पूजन करेंगी। चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद ग्रहण करेंगी। ठेकुआ का प्रसाद कुल देवता और छठ मइया को अर्पित किया जाएगा। घरों में छठ मइया का अखंड दीप जलाकर मनौती की जाएगी। 10 नवंबर, बुधवार को सूर्य षष्ठी पर छठ मइया की पूजा की जाएगी। संगम समेत गंगा-यमुना के विभिन्न घाटों पर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। मनोकामना की पूर्ति के लिए व्रती महिलाएं कोसी भरेंगी।