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नई बसों की मांग नामंजूर, सर्दी में पुरानी बसों में करना होगा प्रतापगढ़ के लोगों को सफर
प्रतापगढ़ । रोडवेज के प्रतापगढ़ डिपो को नई बसें मिलने की उम्मीद धूमिल हो गई है। परिवहन निगम ने अभी फिलहाल बसें देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में पुरानी व खटारा बसों से भी यात्रियों को सफर करना होगा। इन पुरानी बसों की खिड़कियों के टूटे कांच से आने वाली ठंडी हवाएं जाड़े में परेशान करेंगी।
मौजूदा समय में प्रतापगढ़ डिपो में 78 बसें हैं। इनमें से 55 बसें परिवहन निगम की हैं, बाकी अनुबंधित हैं। इनमें से कई पुरानी हो गई हैं। किसी में सीट फटी है तो किसी में कांच नहीं है। टायर मरम्मत पर टिके हैं। ऐसी बसों से सर्दी के मौसम में यात्रियों का सफर कष्टकारी होगा। इस समस्या काे दूर करने के लिए डिपो से 10 नई या अच्छी हालत की बसों की मांग की गई थी। इसके लिए आरएम के जरिए एमडी को पत्र लिखा गया था, लेकिन बसें नहीं मिली। बसें न मिलने से दो महीने बाद पड़ने वाले माघ मेले में भी यात्रियों को डग्गामार वाहनों का सहारा लेना होगा। यहां से भारी संख्या में लोग गंगा स्नान को प्रयागराज जाते हैं। उनको भी सफर करने लिए मुश्किल होगा। यही नहीं खटारा बसों पर डीजल की खपत अधिक होने व लोड फैक्टर कम हाेने पर चालकों, परिचालकों के वकत से कटौती की जाती है। अक्टूबर में 28 कर्मियों के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है। इससे इन लोगों में गुस्सा भी है।
जो बसें पुरानी हैं उनकी मरम्मत के लिए जरूरी पार्ट्स भी यहां नहीं हैं। स्टोर को राजापुर वर्कशाप से सामान मिलता है। इन दिनों कई महीने से सामान नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से 20 बसों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। जाड़े में बसों में एंटीफाग लाइट लगनी है। आल वेदर लाइट की भी कमी है। इसकी मांग स्टोर से हुई है, कब मिलेगा अभी तय नहीं है। एआरएम पीके कटियार का कहना है कि जो बसें खराब हैं उनकी मरम्मत कराई जा रही है। स्पेयर पार्ट की सूची भेजी गई है।