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हरियाणा: फरीदाबाद जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में जल्द ही मिलेंगी आइसीयू की सारी सुविधा।

हरियाणा: फरीदाबाद जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में जल्द ही मिलेंगी आइसीयू की सारी सुविधा।


हरियाणा। फरीदाबाद जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में जल्द ही मरीजों को आइसीयू की सुविधा मिलेगी। वर्तमान में अस्पताल में गंभीर प्रवृत्ति के जो लोग उपचार के लिए आते हैं, आइसीयू के अभाव में उन्हें अस्पताल प्रबंधन द्वारा रेफर कर दिया जाता है। आइसीयू वार्ड बनने से सड़क हादसों सहित विभिन्न दुर्घटनाओं एवं गंभीर बीमारियों के मरीजों को न सिर्फ बेहतर इलाज, बल्कि सस्ता इलाज भी मिलेगा। मरीजों के रेफर मामलों में भी कमी आएगी।

वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.विनय गुप्ता की ओर से इस बाबत स्वास्थ्य निदेशालय को प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें नागरिक अस्पताल में पीपीपी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर आइसीयू वार्ड चलाने की योजना है। प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा.सविता यादव को पत्र लिखकर आइसीयू वार्ड शुरू करने के लिए स्थान भी मांगा जाएगा।

बता दें कि नागरिक अस्पताल में आइसीयू की व्यवस्था नहीं होने से इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को दिल्ली रेफर किया जाता है। इनमें से कई मरीज ऐसे होते हैं, यदि उन्हें समय पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं ठीक ढंग से मिल जाएं, तो उनका जीवन बचाया जा सकता है। जब ऐसे मरीजो को दिल्ली के लिए रेफर किया जाता है, तो कई बार समय पर एंबुलेंस न मिलने लोग अस्पताल में ही दम तोड़ देते हैं, तो कुछ की दिल्ली तक पहुंचने में पहले ही रास्ते में जान चली जाती है। वर्तमान में नागरिक अस्पताल से औसतन प्रतिदिन 20 से 25 मरीजों को सफदरजंग अस्पताल दिल्ली रेफर किया जाता है।

वहीं निजी अस्पताल में एक दिन का आइसीयू वार्ड का चार्ज 15 से 20 हजार रुपये के करीब बताया जा रहा है। नागरिक अस्पताल में शुरू होने वाले आइसीयू वार्ड में प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित सस्ती दरों पर भर्ती किया जाएगा। इसके अलावा बीपीएल कार्ड धारक, आयुष्मान योजना कार्ड धारकों व प्रदेश सरकार की योजना में शामिल होने वाले अन्य लाभार्थियों को निशुल्क आइसीयू वार्ड की सुविधा दी जाएगी।

वहीं जिला नागरिक अस्पताल में बनाया जाने वाला आइसीयू वार्ड 20 बेड होगा। प्रत्येक बेड पर वेंटिलेटर, आक्सीजन प्वाइंट के अलावा चिकित्सा संबंधी अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। आइसीयू वार्ड शुरू करने का मुख्य उद्देश्य रेफर संख्या को कम करना है। कई मामले आते हैं, जिन्हें आइसीयू के अभाव में रेफर करना पड़ता है। निदेशालय के अधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। हमें उम्मीद है कि इसे मंजूरी मिल जाएगी।