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रिटायर्ड जज की निगरानी में हो लखीमपुर कांड की जांच , सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को सोमवार तक की मोहलत दी

रिटायर्ड जज की निगरानी में हो लखीमपुर कांड की जांच , सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को सोमवार तक की मोहलत दी

लखीमपुर खीरी । हिंसा मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई टाल दी। योगी सरकार ने कोर्ट से सुनवाई की तारीख को बढ़ाने की मांग की जिसे मानते हुए कोर्ट ने सुनवाई को 15 नवंबर के के लिए टाल दिया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को अपने उस सुझाव पर रूख साफ करने का समय दिया है जिसमें कोर्ट ने एक "अलग उच्च न्यायालय" के पूर्व न्यायाधीश को लखीमपुर खीरी हिंसा में राज्य की एसआईटी जांच की दैनिक आधार पर निगरानी करने के लिए कहा था।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा, "क्या आपका लॉर्डशिप मुझे सोमवार तक का समय देगा? मैंने इसे लगभग पूरा कर लिया है। हम कुछ काम कर रहे हैं।"

शीर्ष अदालत ने 8 नवंबर को जांच पर असंतोष व्यक्त किया था और सुझाव दिया था कि चल रही जांच में "स्वतंत्रताऔर निष्पक्षता" को बढ़ावा देने के लिए, एक "अलग उच्च न्यायालय" के एक पूर्व न्यायाधीश को दिन-प्रतिदिन इसकी निगरानी करनी चाहिए। पीठ ने यह भी कहा था कि उसे कोई भरोसा नहीं है और वह नहीं चाहती कि राज्य द्वारा नियुक्त एक सदस्यीय न्यायिक आयोग मामले की जांच जारी रखे।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को राज्य सरकार ने लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई हिंसा की जांच के लिए नामित किया था।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गयी थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता अजय मश्रिा के पुत्र आशीष मश्रिा आरोपियों में शामिल है। पुलिस ने आशीष समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आशीष को मुख्य आरोपी बताया जा रहा है। 

एक साल से आंदोलनरत किसान तीन अक्टूबर को केंद्रीय राज्य मंत्री पैतृक गांव में आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। आरोप है कि लखीमपुर खीरी में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को कार से कुचल दिया गया। इस कार में अन्य आरोपियों के साथ आशीष भी सवार था। कार से कुचलकर चार लोगों की मृत्यु के बाद भड़की हिंसा में चार अन्य लोग मारे गये थे। लोगों को कुचलने वाली गाड़ियों में गुस्सायी भीड़ द्वारा आग लगा दी गयी थी। इस घटना में मरने वालों में एक स्थानीय पत्रकार और भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकता शामिल हैं।