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मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र का नया नाम ‘कित्तूर कर्नाटक’ रखा गया, जानिए क्या है कारण
कर्नाटक के मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र का नाम बदलकर ‘कित्तूर कर्नाटक’ क्षेत्र कर दिया गया है. कर्नाटक के कानून व विधायी मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी ने सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी. कर्नाटक का महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद है. इसे देखते हुए कर्नाटक सरकार यह कदम उठा रही है. इससे पहले एक नवंबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ऐलान किया था कि मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र का नाम बदलकर ‘कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र’ कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जब अक्सर ही सीमा विवाद उठ रहे हैं तो पुराने नाम को चलाने का कोई मतलब नहीं है, इसलिए इस क्षेत्र का नाम बदलने का फैसला किया गया है. बोम्मई ने यह घोषणा ‘कर्नाटक राज्योत्सव’ के दौरान की थी, जो 65 साल पहले राज्य का गठन होने की स्मृति में मनाया जाता है.कित्तूर कर्नाटक के बेलगाम से 50 किमी दूर स्थित है. यह कर्नाटक का एक लोकप्रिय पर्यटक केंद्र है. यह छोटा सा शहर अपने भव्य महलों, स्मारकों और मूर्तियों की ओर बड़ी तादाद में पर्यटकों को आकर्षित करता है.
बोम्मई ने कहा था कि हमने हाल ही में हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र का नाम बदलकर ‘कल्याण कर्नाटक’ कर दिया था. असल में बोम्मई महाराष्ट्र सरकार के कुछ नेताओं के दावों का जिक्र कर रहे थे जिनमें मराठी आबादी की पर्याप्त मौजूदगी का हवाला देते हुए बेलगावी जिले और कर्नाटक के कुछ सीमावर्ती इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल करने की मांग की गई थी.
कर्नाटक में जिलों के समूह को कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र नाम देने के पीछे का कारण बताते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा था कि कर्नाटक का एकीकरण होने के बाद, सीमा विवादों की शुरुआत हुई थी और तब इन विवादों को सुलझा भी लिया गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम एक बार फिर इन सीमा विवादों को सिर उठाते हुए देख रहे हैं. जब इतनी घटनाएं हो रही हैं तो अब भी इसे मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र कहने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ये बदलाव 1956 में ही हो जाने चाहिए थे जब राज्य पुनर्गठन अधिनियम प्रभाव में आया था.
ऐतिहासिक कित्तूर किला भी यहीं है. कित्तूर चेनम्मा किले के नाम से मशहूर यह किला ऐतिहासिक महत्व रखता है. इस किले में कभी भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करने वाली बहादुर शासक रानी चेन्नम्मा ने निवास किया था. यहां कि रानी चेन्नम्मा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रही हैं. इस कारण यह स्थान प्रसिद्धि है इस लेख की सामग्री सम्मिलित हुई है ब्रिटैनिका विश्वकोष एकादशवें संस्करण से, एक प्रकाशन, जो कि जन सामान्य हेतु प्रदर्शित है.