Headlines
Loading...
नई दिल्ली: पिलखुवा गाजियाबाद नगर निगम की चारदीवारी गिराना ग्रामीणों को पड़ा बहुत भारी। .

नई दिल्ली: पिलखुवा गाजियाबाद नगर निगम की चारदीवारी गिराना ग्रामीणों को पड़ा बहुत भारी। .


नई दिल्ली। पिलखुवा गाजियाबाद नगर निगम द्वारा कराई गई चारदीवारी को गिराना ग्रामीणों को भारी पड़ सकता है। ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट में कई धाराएं ऐसी भी हैं जिनमें सजा का प्रविधान है। इतना ही नहीं निगम ने 10 लाख रुपये का नुकसान दर्शाया है जो आरोपितों से वसूला जाना है। वहीं पुलिस ने नियमानुसार कार्रवाई करने का मन बना लिया है। इसके चलते नामजदों की गिरफ्तारी के लिए दबिश भी दी जा रही है। दूसरी ओर, रिपोर्ट दर्ज होने के चलते ग्रामीणों में आक्रोश है। वहीं विगत तीन अक्टूबर से चल रहा ग्रामीणों को धरना बृहस्पतिवार को भी जारी रहा।

बता दें कि ग्राम गालंद में गाजियाबाद नगर निगम द्वारा प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गाजियाबाद नगर निगम ने गत सोमवार से प्लांट के लिए चिह्नित जमीन की चारदीवारी का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था। बुधवार को गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर आधी-अधूरी चारदीवारी को गिरा दिया। निगम की कुर्सी, जेसीबी और ट्रैक्टर में तोड़फोड़ की गई। जिस पर निगम के अवर अभियंता द्वारा 34 नामजद और 150 से 200 लोगों के खिलाफ बलवा, सरकारी कार्य संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, घातक हथियार का प्रदर्शन करना, राजस्व की क्षति पहुंचना आदि गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

वहीं दूसरी तरफ दर्ज रिपोर्ट में लगाई गई सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा तीन के अंतर्गत पांच साल की सजा का प्रविधान है। इसके अलावा निगम द्वारा दर्शाया गया 10 लाख का नुकसान भी आरोपितों से वसूला जाएगा। थाना प्रभारी निरीक्षक अभिनव पुंडीर का कहना है कि नामजदों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही हैं। जल्द ही गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। 

वहीं वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के विरोध में ग्रामीण विगत दो अक्टूबर से आंदोलनरत हैं। तभी से धरना चल रहा है। आठ नवंबर को महापंचायत भी हो चुकी है। अनेकों बार अधिकारियों के साथ वार्ता होने के बाद भी समाधान नहीं हो सका है। बुधवार को ग्रामीणों ने विरोध प्रकट करते हुए निगम द्वारा कराई गई चारदीवारी को गिरा दिया। ऐसे में पुलिस द्वारा हंगामे की फोटोग्राफी कराई गई थी। सवाल यह उठता है कि जिन्हें पुलिस ने नामजद किया है 

वहीं उनके नाम और उनकी पहचान आखिरी किसने की है। कहीं अपना ही तो भेदी बनकर लंका नहीं ढहा रहा है। आंदोलनरत ग्रामीणों के मन में भी अब यह सवाल उठने लगा हैं। धरना जारी, 28 नवंबर की महापंचायत को लेकर संशय: प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के विरोध में ग्रामीणों को धरना जारी है। बृहस्पतिवार को धरने पर राजू, सतीश, दीपक, ललित, अनिल शर्मा, किशन, श्याम सुंदर, निर्देश, हरिओम, संजय कोरी मौजूद रहे। दूसरी ओर, 28 नवंबर को होने वाली महापंचायत को लेकर एक बार फिर संशय के हालात बन गए हैं। संघर्ष समिति से जुड़े मनोज तोमर ने बताया कि प्रस्तावित 28 नवंबर की महापंचायत कराने के लिए शीघ्र बैठक कर निर्णय लिया जाएगा। 

वहीं गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपित पुलिस से बचने के लिए सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं। कई आरोपितों ने अपने बचाव के लिए राजनीति लोगों से बातचीत भी शुरू कर दी हैं। कई दूर-दराज अपने रिश्तेदारों के घर जाने की फिराक में हैं। हालांकि ग्राम प्रधान गालंद का कहना है कि प्लांट का विरोध जारी है। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है। यह आंदोलन उनके स्वास्थ्य एवं भविष्य से जुड़ा है।