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नई दिल्ली: सरिता विहार थाना क्षेत्र के मदनपुर खादर स्थित पुलिस चौकी में युवक ने किया सुसाइड, सामने आयी पुलिस की बड़ी लापरवाही।
नई दिल्ली। सरिता विहार थाना क्षेत्र के मदनपुर खादर स्थित पुलिस चौकी में एक युवक ने खुदकुशी कर ली। इसमें पुलिस की लापरवाही सामने आई है। युवक की पहचान कर पुलिस ने सामान्य तरीके से पोस्टमार्टम करवा शव स्वजन को सौंप दिया। नियम और कानून को न मानते हुए पुलिस ने न्यायिक जांच कराने की जरूरत नहीं समझी। जिस चौकी में युवक ने खुदकुशी की वहां रात के समय एक भी पुलिसकर्मी नहीं रहता है। डीसीपी दक्षिण-पश्चिमी जिला ईशा पांडे का कहना है कि रात में चौकी में बाहर से ताला लगा दिया जाता है।
वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पुलिस परिसर अगर किसी की हिरासत में मौत हो जाती है, कोई खुदकुशी कर लेता है अथवा मुठभेड़ में किसी नागरिक की मौत हो जाती है तो इन परिस्थितियों में कानूनन न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। बता दें कि मदनपुर खादर स्थित चौकी में खुदकुशी के मामले में न्यायिक जांच न कराने पर जिला पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है और कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। पेशेवर मानी जाने वाली दिल्ली पुलिस सवालों के घेरे में हैं।
वहीं 17 नवंबर को डीसीपी ने मीडिया को दिए बयान में बताया था कि सिपाही भरत ने सुबह सरिता विहार थाना पुलिस को फोन कर बताया कि मदनपुर खादर स्थित पुलिस चौकी में 30 साल के युवक ने खुदकुशी कर ली है। पुलिस टीम जब मौके पर पहुंची तब युवक का शव पंखे से लटका हुआ था। पुलिस के मुताबिक चौकी का दरवाजा अंदर से बंद था। जांच में युवक के शरीर पर चोट के निशान मिले। सीसीटीवी फुटेज में भी देखा गया कि 16 नवंबर की रात दो बजे वह पुलिस चौकी की तरफ जा रहा था।
वहीं मामले में तीन दिनों तक पुलिस अधिकारी मृतक के बारे में युवक के मामले में कुछ भी बताने से बचते रहे। रविवार को डीसीपी ने बताया कि मृतक की 18 नवंबर को पहचान हो गई थी। वह चौकी के पास में ही परिवार के साथ रहता था और मानसिक रूप से बीमार था। स्वजन ने किसी तरह का आरोप नहीं लगाया इसलिए सामान्य तरीके से बगैर मेडिकल बोर्ड के पोस्टमार्टम कराकर शव सौंप दिया गया।