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प्रयागराज : नियम-कायदों को ताक पर रख सड़कों पर धड़ल्ले से ई-रिक्शा दौड़ा रहे नाबालिक , खतरे में जान

प्रयागराज : नियम-कायदों को ताक पर रख सड़कों पर धड़ल्ले से ई-रिक्शा दौड़ा रहे नाबालिक , खतरे में जान

प्रयागराज: नियम-कायदों को ताक पर रख जिस तरीके से प्रयागराज की सड़कों पर धड़ल्ले से ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं, उससे अब यात्रियों की जान पर बन आई है. साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था भी खासा प्रभावित हुई है. वहीं, नाबालिगों के हाथों में ई-रिक्शा की कमान होने से दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है. प्रदूषण स्तर कम करने और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए जहां एक ओर ई-रिक्शा का संचालन शुरू किया गया था. वहीं, अब ई-रिक्शा परेशानी का सबब बन गए हैं.


वहीं, अगर बात ई-रिक्शा चालकों के नियम-कायदों के पालन की करें तो कोई भी निर्धारित नियमों का पालन करते नहीं दिख रहा है. साथ ही सरकार की ओर से ड्राइविंग के लिए लाइसेंस अनिवार्य किए जाने के बाद भी सड़कों पर सरेआम नाबालिग फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं.
 ये नाबालिग बच्चे केवल नियम-कायदे ही नहीं तोड़ रहे, बल्कि यात्रियों की जान माल से भी खिलवाड़ कर रहे हैं. वहीं, नाबालिगों के हाथों में ई-रिक्शा की कमान होने से दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है.

इन रूटों पर धड़ल्ले से फर्राटा भर रहे नाबालिग ई-रिक्शा चालकशहर के इन पुराने मोहल्लों में आपको नाबालिग बच्चे ई-रिक्शा चलाते दिख जाएंगे. इसमें नखास कोना, बड़े स्टेशन, जॉनसन गंज, घंटा घर, जीरो रोड, कोतवाली, शाहगंज, खुल्दाबाद समेत अन्य कई इलाके शामिल हैं.
 


ई-रिक्शा संचालकों के लिए परिवहन विभाग की ओर से जारी नियमों में 18 साल से कम उम्र के शख्स को व्यवसायिक वाहन चलाने की इजाजत नहीं है. साथ ही जिस व्यक्ति को ई-रिक्शा का लाइसेंस जारी किया जाएगा, वही उसे चला सकता है. अगर लाइसेंसधारक के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति ई-रिक्शा चलाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. इतना ही नहीं उसका पंजीकरण रद्द कर रिक्शे को सीज किया जा सकता है.


खैर, नाबालिगों का ई-रिक्शा चलाना एक अपराध है, जिसके तहत समय-समय पर अभियान चलाकर ऐसे ई-रिक्शा चालकों पर कार्रवाई भी की जाती है. वहीं, पकड़े जाने पर जुर्माना भी वसूला जाता है.


एसपी ट्रैफिक अरुण कुमार दीक्षित ने बताया कि कम उम्र के ई-रिक्शा चला रहे चालक की रोक थाम को सघन चेकिंग अभियान चलाया जाता है. साथ ही विभिन्न प्रकार के अन्य माध्यम जैसे, नुक्कड़ नाटक, रैली के आयोजनों के जरिए भी लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक किया जाता रहता है. इसके बावजूद भी कोई ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करता है तो फिर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है