राजस्थान । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार अगले सप्ताह होने की उम्मीद है। इस फेरबदल में जहां कई नए लोगों को जगह मिल सकती है, वहीं एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला अपनाते हुए कई मंत्रियों को हटाया जा सकता है।
मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा कि कैबिनेट में फेरबदल को लेकर फैसला पार्टी हाईकमान लेगा। प्रदेश प्रभारी अजय माकन को इस बारे में पूरी जानकारी है। वह चाहतें हैं कि लोगों को अच्छा गवर्नेंस मिले।
इससे पहले बुधवार शाम को गहलोत ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी मुलाकात की थी। इस बैठक में अजय माकन और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट भी बुधवार को माकन और वेणुगोपाल से मिले थे। ऐसे में मंत्रिमंडल फेरबदल लगभग तय है।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि गहलोत सरकार में मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और गोविंद डोटासरा की कुर्सी छिन सकती है। पार्टी एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू कर कर रही है। यह तीनों संगठन में अहम जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। यह तीनों मंत्री पद छोडते हैं, तो मंत्रिमंडल में 12 पद खाली हो जाएंगे्।
प्रदेश कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल फेरबदल में पायलट खेमे के करीब आधा दर्जन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके साथ कई अन्य विधायकों को निगम और बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पायलट खेमा काफी दिनों से मंत्रिमंडल फेरबदल के लिए दबाव बना रहा था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत के बयान को पायलट को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत के तौर भी देखा जा रहा है। क्योंकि, अभी तक किसी न किसी बहाने से गहलोत मंत्रिमंडल फेरबदल को टालते रहे हैं। ऐसे में पार्टी पंजाब के बाद राजस्थान में भी सरकार का नेतृत्व बदल सकती है।