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घिसी-पिटी कॉमेडी, राजकुमार राव की हम दो हमारे दो से हाथ लगेगी निराशा
HUM DO HAMARE DO : प्रोड्यूसर दिनेश विजान की जब भी किसी फिल्म की अनाउंसमेंट होती है, तो उस फिल्म से खुद-ब-खुद उम्मीदें जुड़ जाती हैं। और हो भी क्यों न। उन्होंने स्त्री, मिमी, लुका छुपी, बाला, हिंदी मीडियम जैसी फिल्मों से भरपूर एंटरटेन किया है। अब उनकी एक नई फिल्म OTT प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। फिल्म का नाम है 'हम दो हमारे दो'। लेकिन इस बार उनकी फिल्म से निराशा हाथ लगी है। फिल्म कई पहलुओं पर कमजोर नजर आती है। राजकुमार राव भी अपनी एक्टिंग का जादू नहीं बिखेर पाए।
फिल्म की कहानी ध्रुव शिखर (राजकुमार राव) और आन्या (कृति सेनन) की लव स्टोरी-शादी के इर्द-गिर्द बुनी गई है। फिल्म की कहानी ध्रुव से शुरू होती है, जो कि अनाथ है और एक ढाबे पर काम करता है। लेकिन एक दिन एक अजनबी इंसान उसकी जिंदगी में प्रेरणा बनकर आता है और वो आधी रात ढाबा छोड़ भाग जाता है। स्ट्रगल करता है, पढ़ाई करता है और बड़ा होकर खुद का ऐप डिजाइन करता है। खूब पैसे कमा लेने के बाद भी उसको एक कमी हमेशा रहती है वो है एक परिवार की। वहीं आन्या के मां-बाप बचपन में एक हादसे में गुजर जाते हैं। चाचा-चाची आन्या की परवरिश करते हैं और उसकी अच्छे घर में शादी कराना चाहते हैं। बता दें कि आन्या एक ब्लॉगर है। और आन्या का एक ही सपना है कि वो ऐसे इंसान से शादी करे जिसकी एक स्वीट सी फैमिली हो।
आन्या और ध्रुव की पहली मुलाकात ध्रुव के एप लॉन्च में होती है। इसके बाद दोनों में दोस्ती है और फिर प्यार। अब दोनों के प्यार की गाड़ी शादी तक कैसे पहुंचेगी, फिल्म इसी पर फोक्स्ड है। झूठ-सच के कंफ्यूजन के बीच डायरेक्टर ने कॉमेडी का तड़का लगाने की कोशिश की है। लेकिन क्या डायरेक्टर इसमें सक्सेस हुए हैं? जवाब है नहीं। कहने के लिए तो फिल्म कॉमेडी ड्रामा है हालांकि, कॉमेडी के नाम पर आपको घिसे-पिटे पुराने डायलॉग्स ही मिलेंगे। कई जगह तो लगता है कि कॉमेडी के नाम पर मजाक हो रहा है। फिल्म का सबसे निगेटिव प्वॉइंट ही ये है कि इसकी शुरुआत ही बहुत कमजोर है। बीच में थोड़ा सा ग्राफ ऊपर उठने की कोशिश करता है हालांकि, क्लाइमैक्स पानी फेर देता है। एक्टिंग, स्टोरीलाइन, बैक ग्राउंड म्यूजिक, डायरेक्शन, डायलॉग सभी कुछ काफी फीका है। बैक ग्राउंड स्कोर तो बिल्कुल मिसमैच है। ओवरऑल फिल्म बोर करती है।
एक्टर राजकुमार राव की फिल्म का जब जिक्र होता है, तो स्त्री, काई पो छे, शादी में जरूर आना, न्यूटन, ट्रैप्ड, जजमेंटल है क्या जैसी फिल्में आखों के सामने से गुजरती हैं। जिनमें राजकुमार ने अपनी एक्टिंग से फैंस को जबरदस्त इम्प्रेस किया है। राजकुमार राव इंडस्ट्री में ऐसे एक्टर्स की लिस्ट में गिने जाते हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग के टैलेंट पर पहचान बनाई है। उनका नैचुरल अंदाज ही यूएसपी है, जिसे फैंस बार-बार पर्दे पर देखना चाहते हैं। लेकिन हम दो हमारे दो में उनकी एक्टिंग निराश करती हैं। कुछ सीन्स को अगर छोड़ दिया जाए तो जो फिल्म फीलिंग, इमोशन्स, फ्रैश कॉमेडी से भरी होनी चाहिए थी, उसमें राजकुमार राव ओवर एक्टिंग करते नजर आते हैं।
वहीं कृति सेनन की बात करें तो मूवी में उनकी एक्टिंग काफी कमजोर है। वो एक्सप्रेशन लेस नजर आती हैं। इमोशनल सीन में वो न तो दिल छू पाती हैं और न ही कॉमेडी सीन में हंसा पाती हैं। जब फिल्म में वो राजकुमार राव को अपने पेरेंट्स की डेथ की दुख भरी स्टोरी सुना रही होती हैं तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने जबरदस्ती उन्हें एक्टिंग करने के लिए खड़ा कर दिया है।
रत्ना पाठक और परेश रावल अपने रोल में ठीक ही नजर आते हैं। अगर फिल्म में डायरेक्शन अच्छा होता तो शायद उनकी जो लेजेंड अदाकारी है, वो देखने को मिल जाती। वहीं बात अपारशक्ति खुराना की करें तो, बस इतना ही कहना है कि उन्हें अब अपने लिए रोल्स चुनते वक्त एक बार सोचने की जरूरत है। एक ही तरह के रोल में उन्हें देख बोरियत होने लगी है।
फिल्म का डायरेक्शन अभिषेक जैन ने किया है। उनका निर्देशन बेहद कमजोर है। ऐसा माना जाता है कि अगर फिल्म का डायरेक्शन अच्छा हो तो एक कमजोर एक्टर से भी ठीक एक्टिंग करवाई जा सकती है। और अगर डायरेक्शन खराब हो तो अच्छे एक्टर भी कमजोर नजर आते हैं। ऐसा ही कुछ फिल्म हम दो हमारे दो में हुआ है।
बता दें कि अभिषेक सांवरिया, युवराज, गुजारिश जैसी फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर रह चुके हैं। वहीं हिंदी फिल्मों में डायरेक्टर के तौर पर ये उनकी पहली फिल्म है। और ये फिल्म देख साफ झलकता है