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अखिलेश के 'चिलमजीवी' बयान पर भड़के संत, बोले-अपमान के लिए मांगें क्षमा नहीं तो भुगतने पड़ेंगे परिणाम
वाराणसीः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर सरगर्मी जोरों पर है. ऐसे में बयानबाजी की धारा भी तेजी से बह रही हैं. इसी क्रम में यूपी की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पर हमला करने के लिए पवित्र भगवा वस्त्रधारी संतों को 'चिलमजीवी' कहना अखिलेश यादव को महंगा पड़ता जा रहा है. सपाध्यक्ष का बयान सुनकर अखिल भारतीय संत समिति ने इसे अपमानजनक बताया है. साथ ही इस पर कड़ी आपत्ति भी दर्ज कराई है. यही नहीं, संत समाज ने इसके लिए अखिलेश से क्षमा मांगनें को भी कहा है.
इस बाबत संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश के इस अनर्गल बयान से देशभर के सभी संतों में आक्रोशित है. हम ऐसे नेताओं को जो लगातार सनातन धर्म, भगवा व संतों पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं, उन्हें चेताते हैं कि वह अपनी ओछी राजनीति में संतों को न घसीटें अन्यथा उन्हें सनातनियों के आक्रोश को भुगतना पड़ेगा.
स्वामी सरस्वती ने अखिलेश यादव और उनके प्रवक्ताओं से संतों का अपमान करने व संपूर्ण संत व सनातन सामाज से अविलंब क्षमा मागने को कहा है. उन्होंने कहा कि यदि अखिलेश यादव क्षमा नहीं मांगते तो संत समाज सक्रिय रूप से पूरे देश में घर-घर जाकर इस पितृद्रोही, सनातन द्रोही नेता के खिलाफ प्रचार करेगा. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.