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पाकिस्तान में तोड़ा गया मंदिर, हिंदुओं ने दिखाया बड़ा दिल; तोड़ने वाले धार्मिक नेताओं ने भरा जुर्माना

पाकिस्तान में तोड़ा गया मंदिर, हिंदुओं ने दिखाया बड़ा दिल; तोड़ने वाले धार्मिक नेताओं ने भरा जुर्माना


इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ अत्याचार कोई नई बात नहीं है. वहां आए दिन हिंदुओं की प्रताड़ना और मंदिर तोड़ने की घटनाएं होती रहती हैं. लेकिन फिर भी पाकिस्तानी हिंदू समुदाय ( Hindu Community) ने एक बार फिर बड़ा दिल दिखाया है. हिंदू समुदाय ने दिसंबर 2020 में करक मंदिर (Karak Temple) हमले में शामिल 11 धार्मिक नेताओं (Religious Leaders) पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान ऑल पाकिस्तान हिंदू काउंसिल फंड से करने का फैसला किया है.


पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) सरकार की आपत्तियों के बावजूद FIR में नामित आरोपियों से मंदिर पुनर्निर्माण फीस के तौर पर 3.30 अरब रुपये की वसूली का आदेश दिया था. रिपोर्ट से पता चला था कि हमले में शामिल स्थानीय मौलवी मंदिर के पुनर्निर्माण में बाधा पैदा कर रहे थे. सरकार की ओर से मंदिर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है, लेकिन एक स्थानीय मौलवी और एक स्थानीय निवासी ने मंदिर के विस्तार पर आपत्ति जताई है. साथ ही ठेकेदार को बरामदे के सामने एक चारदीवारी बनाने का निर्देश दिया, ताकि हिंदू समुदाय को नाराज किया जा सके.

एक स्थानीय निवासी ने कहा, 'हिंदू परिषद ने जमात उलेमाई-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के जिला अमीर मौलाना मीर जाकीम, पूर्व करक जिला नाजिम रहमत सलाम खट्टक, मौलाना शरीफुल्ला और आठ अन्य नेताओं पर लगा जुर्माना देने का फैसला किया और प्रति व्यक्ति 268,000 रुपये का भुगतान किया गया है.' रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस की FIR में कुल 123 आरोपी नामित किए गए हैं, जिनमें से कई को हमले के वीडियो फुटेज की मदद से पहचाना गया है.

पुलिस और जिला प्रशासन ने बीते शुक्रवार को एक बार फिर आरोपियों को 14 दिन के भीतर राशि का भुगतान करने को कहा था, वरना उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.