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यूपी: वाराणसी में विदाई के बाद दूल्‍हन ससुराल की जगह पहुंच गई थाने, कहा कि बिना मर्जी हो रही शादी।

यूपी: वाराणसी में विदाई के बाद दूल्‍हन ससुराल की जगह पहुंच गई थाने, कहा कि बिना मर्जी हो रही शादी।


वाराणसी। रोहनिया थाना क्षेत्र के मनियारीपुर के रहने वाले युवक की शादी मंडुआडीह थाना क्षेत्र के कंदवा में एक युवती से 15 नवंबर को धूमधाम से हिन्दू रीति रिवाज से संपन्‍न हुई थी। मंगलवार की सुबह घर से विदाई की रस्में भी पूरी की गई। इसके बाद दूल्‍हन ने रास्ते में अचानक पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर फोन करके बताया कि मेरी शादी बिना मेरी मर्जी के हुई है, मैं ससुराल नहीं जाना चाहती हूं। 

वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस लड़का और लड़की को लेकर थाने पहुंची जहां दोनों पक्षों के लोग पहुंच गए और अचानक हुई घटना को लेकर काफी दुःखी हो गए। काफी मान मनौव्वल के बाद भी लड़की ससुराल जाने को तैयार नहीं हुई तो थाने पर ही पंचायत के बाद एक दूसरे का सामान लौटाकर साथ फेरों के बंधन टूट गए।

वहीं दूसरी तरफ मैं तो ससुराल नही जाऊंगी डोली रख दो कहारों ये फ‍िल्मी गाना इस घटना पर काफी फिट बैठता है। रोहनिया थाना क्षेत्र के मनियारीपुर गांव के रहने वाले युवक की शादी 15 नवंबर सोमवार को मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के कंदवा निवासी युवती के साथ हिंदू रीति रिवाज से संपन्न हुई। सुबह विदाई होने के बाद दूल्‍हन ने ससुराल जाने के लिए गाड़ी में बैठ तो गई लेकिन ससुराल पहुंचने से पहले रास्ते में पहुंची थी कि उसने पति के घर जाने से इनकार करके पुलिस को सूचना दे दिया। पुलिस ने नव दंपती को रोहनिया थाने ले जाकर विवाहिता से कारण पूछा तो उसने कहा कि हम बालिग हैं और बिना मर्जी की शादी की गई है जो हमें पसंद नहीं है।

वहीं करीब चार पांच घंटे की पंचायत के बाद भी समाधान नहीं निकला तो दोनों पक्षों ने आपसी सुलह समझौता किया कि अब दोनों पक्ष अपना जीवन अलग-अलग व्यतीत करेंगे। दोनों पक्षों की तरफ से हुए लेनदेन की भी वापसी थाने पर करने के बाद लिखित सुलहनामा कराया गया तब जाकर मामला समाप्त हुआ।

बता दें कि दोनों पक्षों की रजामंदी के बाद लड़का और लड़की देखने की रस्म निभाई गई।हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार शादी में बैंड बाजे और मेहमानों ने जश्न मनाया। रात में जो मेहमान और घर वाले वर वधू के साथ फेरों के साक्षी और आशीर्वाद दिये मजबूरी में वही थाने पर पंच बनकर साथ बंधन तोड़ने के गवाह भी बने। सुलह जरूर हुआ लेकिन दोनों पक्षों के आखों में उदासी और गम के आंसू भी निकले। पंचायत के बाद थाने से दोनों पक्ष निराश होकर अपने अपने घर गए।