UP news
यूपी: वाराणसी की हवाओं में बढ़ी प्रदूषण की मात्रा, स्थिति और भी चिंताजनक।
वाराणसी। शहर की हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती ही जा रही है। दीपावली के बाद से शुरू यह सिलसिला मंगलवार को और बढ़ गया। शहर का औसत एक्यूआइ सुबह जहां 345 था, वहीं दोपहर में बढ़कर यह 365 जा पहुंचा, देर रात को ट्रैफिक आदि थमने के बाद इसमें कुछ गिरावट आई और 342 पर जा पहुंचा।
वहीं प्रदूषण का हाल देख मौसम विज्ञानियों ने बुजुर्गों, बच्चों व दमा रोगियों को घरों में रहने की सलाह दी है। खास बात यह है कि पर्यावरण प्रदूषण का यह खतरनाक स्तर सबसे हरा-भरा व प्रदूषण रहित कहे जाने वाले महामना की बगिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय तक खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। वहां एक्यूआइ 332 रिकार्ड किया गया।
बता दें कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मलदहिया की वायु गुणवत्ता 364, भेलूपुर 348, बीएचयू में 332 व अर्दली बाजार 339 रिकार्ड किया गया। मलदहिया में पीएम-2.5 अधिकतम 396, पीएम-10 अधिकतम 285, कार्बन डाइ आक्साइड 110 व नाइट्रस आक्साइड 79 रहा। इसी तरह भेलूपुर में पीएम-2.5 अधिकतम 384 व पीएम-10 अधिकतम 318, कार्बन डाई आक्साइड 118, नाइट्रस आक्साइड 63 रहा। बीएचयू में पीएम-2.5 अधिकतम 372, पीएम-10 अधिकतम 237, कार्बन डाइ आक्साइड 97 व नाइट्रस आक्साइड 26 रहा। उधर, अर्दली बाजार में पीएम 2.5 अधिकतम 375, पीएम 10 अधिकतम 278, कार्बन डाइ आक्साइड 82 व नाइट्रस आक्साइड 132 रिकार्ड किया गया।
वहीं क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डा.कालिका सिंह बताते हैं कि वायु गुणवत्ता 100 तक का शहर ग्रीन जोन में रहता है। 100 से 200 तक येलो जोन, 200 से 300 आरेंज जोन व 300 के पार वाले शहर को रेड जोन में रखा जाता है। उन्होंने अधिक से अधिक शहर में पानी का छिड़काव कराने, कूड़े नहीं जलाने व निर्माण स्थलों को ढककर रखने की अपील बनारस के लोगों से की है।
बता दें कि बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि वायु प्रदूषण और धुंध की यह समस्या पूरे क्षेत्र में दिखाई दे रही है। दिल्ली की ओर से आई पछुआ हवाओं के साथ धूल और धुएं का गुबार यहां तक आ पहुंचा है और स्थानीय कारकों के साथ मिलकर इसने स्थिति को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है। उन्होंने बताया कि अब दिल्ली में हालात सुधार की ओर हैं। उम्मीद जताई कि हवा दो दिनों तक चलती रही तो संभव है कि यहां भी स्माग छंट जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को दोपहर लगभग डेढ़ बजे हवा में धूल के कणों की मौजूदगी का स्तर चौदह गुना से भी अधिक बढ़कर सात तक जा पहुंचा था। लगभग एक घंटे बाद ढाई बजे कुछ सुधार हुआ और यह दस गुना पर रह गया था। उन्होंने बताया कि साफ मौसम की हालत में धूल के कणों का स्तर 0.2 होता है। इन दिनों इसकी मात्रा बढ़कर 0.5 हो जाती है।