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यूपी: लखनऊ में बसपा मुखिया मायावती को भरोसा पांचवीं बार बनेंगी उत्तर प्रदेश की सीएम।
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत को लेकर आशान्वित हैं। मायावती को भरोसा है कि उत्तर प्रदेश की जनता उनको पांचवीं बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाएगी। वहीं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित किया। मायावती को भरोसा है कि वह पांचवीं बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनेंगी। मायावती ने इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला।
बता दें कि उन्होंने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अपने करीब पांच वर्ष के शासन में 50 प्रतिशत वादों को भी पूरा नहीं किया है। यह तो प्रदेश की भोली जनता के साथ छल है। मायावती ने कहा कि भाजपा का गरीबों को फ्री राशन बांटने का काम चुनाव बाद बंद हो जाएगा। फ्री राशन सिर्फ चुनावी एजेंडा है।
वहीं मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ ही समाजवादी पार्टी भी इन दिनों जनता को लुभाने का नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि हमको भरोसा है कि उत्तर प्रदेश की जनता तो भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के झांसे में नहीं आएगी। हमें तो समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की कथनी तथा करनी में कोई अंतर नजर नहीं आता। यह तो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यह दोनों दल सिर्फ चुनाव को हिंदू-मुस्लिम का मामला बनाना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि हमें पूर्ण बहुमत मिलेगा, जैसा कि हमें 2007 में मिला था।
वहीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बसपा बातें कम और काम में ज्यादा विश्वास करती है। इसके विपरीत भाजपा को जनता के दुख दर्द की परवाह नहीं है। मायावती ने कहा कि बसपा वादों पर नहीं करके दिखाने पर यकीन करती है। चार बार की सत्ता इसकी गवाह है, प्रदेश की जनता पांचवीं बार उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। बसपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार से जनता परेशान है। जिस तरह डीजल व पेट्रोल की कीमतें बढ़ीं है, जनता उसे भूलने वाली नहीं है। चुनाव में हार के डर से कीमतें कम किया है, बाद में ब्याज सहित वसूलेगी। चुनाव के लिए ही राशन बांटा जा रहा है, बाद में ये मिलने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा अयोध्या व जिन्ना के बहाने भाजपा व सपा साठगांठ करके बयानबाजी कर रहे हैं। हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण का अंदर अंदर प्रयास किया जा रहा है। स्वार्थ की राजनीति के लिए दोनों दल हर हथकंडा अपना रहे हैं। बसपा इस राजनीति की पोषक व पूरक नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 300 व सपा ने 400 सीटें जीतने का ऐलान किया है, तब तो चुनाव आयोग को यहां 1000 सीटों पर चुनाव कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, मेट्रो आदि योजनाएं उनके कार्यकाल में ही पूरी हो जाती यदि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने रोड़ा न अटकाया होता।
वहीं मायावती ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भाजपा और अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों ने राज्य के लोगों को लुभाने का नाटक शुरू कर दिया है। सच तो यह है कि केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार की परियोजनाओं की घोषणा और पिछले डेढ़ व दो महीनों में अधूरे कार्यों का उद्घाटन चुनाव तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग समाजवादी पार्टी की तरह कांग्रेस के कई चुनावी वादों पर आसानी से विश्वास नहीं करने वाले हैं। अगर कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों का 50 प्रतिशत भी पूरा किया होता तो वह केन्द्र, यूपी और देश के अधिकांश राज्यों में सत्ता से बाहर नहीं होते।
बता दें कि उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी अपने हर फैसले पर अटल है। उत्तर प्रदेश के चुनाव में हम किसी भी दूसरी पार्टी के साथ किसी भी प्रकार का कोई चुनावी समझौता नहीं करेगी। हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। हम तो समाज के सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लाने के लिए समझौता कर रहे हैं। यह गठबंधन स्थायी है। किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने का इरादा नहीं है। बहुजन समाज पार्टी अकेले अपने दम पर उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीट पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताना चाहती हूं कि यदि उनका अपना परिवार नहीं है तो मेरा भी परिवार पार्टी व सर्व समाज है। योगी संन्यासी का चोला पहनकर एक धर्म के लोगों काम करते हैं, जबकि वे सभी की नि: स्वार्थ सेवा करती रही है। पार्टी उत्तराधिकारी के सवाल पर कहा कि उनका स्वास्थ्य अभी ठीक है, समय आने पर उत्तराधिकारी तय करूंगी।
वहीं बसपा यूपी विधानसभा चुनाव में किसी दल से समझौता नहीं करेगी। बसपा से जो नेता निकाले गए हैं यदि वे बड़े नेता होते तो निकालते ही क्यों। उन्होंने यह भी कहा कि बसपा से सिर्फ नेता अकेला जाता है कार्यकर्ता पार्टी के साथ हैं। कांग्रेस के 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस सत्ता में रहते महिलाओं को लोकसभा व विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण तो दे नहीं पाई। यहां टिकट बांटने की वजह कुछ और है। कांग्रेस अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में ये वादा क्यों नहीं कर रही। उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी होने का भी आरोप लगाया।