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यूपी: चंदौली धीना में बर्निंग ट्रेन होने से बची छठ पूजा स्पेशल, इंजन के हाट एक्सल से उठ रहा था धुआं।

यूपी: चंदौली धीना में बर्निंग ट्रेन होने से बची छठ पूजा स्पेशल, इंजन के हाट एक्सल से उठ रहा था धुआं।

                              किरण यादव सिटी रिपोर्टर।

चंदौली। धीना में बेंगलुरु से दानापुर जा रही 01791 डाउन छठ पूजा स्पेशल ट्रेन सोमवार को बर्निंग ट्रेन होने से बची। ट्रेन की इंजन बोगी के हाट एक्सल से धुआं निकल रहा था। सकलडीहा स्टेशन मास्टर की सूझबूझ से बड़ी घटना टल गई। सूचना पर तत्काल धीना स्टेशन पर बंगलूरु-दानापुर एक्सप्रेस को रोकवाया गया। इससे रेलवे प्रशासन में खलबली मच गई। तत्काल पीडीडीयू जंक्शन से दुर्घटना राहत यान रवाना हुआ। वहीं दानापुर मंडल से भी संबंधित विभाग के कर्मचारी पहुंच गए। उधर विलंब होने पर यात्रियों ने हंगामा किया। पांच घंटे बाद दूसरा इंजन लगाया गया। हालांकि, लूप लाइन से अन्य ट्रेनों को धीमी गति से गुजरा गया। इससे परिचालन पर खासा असर नहीं पड़ा।

वहीं बंगलूरु-दानापुर छठ पूजा स्पेशल ट्रेन दानापुर जा रही थी। ट्रेन भोर में 4.35 बजे सकलडीहा स्टेशन से गुजरी। सकलडीहा स्टेशन मास्टर सुधीर कुमार ने देखा कि इंजन के हाट एक्सल से चिंगारी निकल रही थी। स्टेशन मास्टर ने तत्काल इसकी जानकारी धीना स्टेशन मास्टर परमानंद रजत को दी। यहां ट्रेन का ठहराव नहीं था लेकिन तत्परता दिखाते हुए स्टेशन पर ट्रेन को सिग्नल देकर रूकवाया गया। जांच की गई तो पता चला कि इंजन के हाट एक्सल में गड़बड़ी है। इसके बाद कर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया। 

वहीं पीडीडीयू व दानापुर मंडल के बीच में धीना स्टेशन होने के कारण दोनों मंडलों में खलबली मच गई। पीडीडीयू मंडल से तत्काल दुर्घटना राहत यान को रवाना किया गया। वहीं अन्य ट्रेनें प्रभावित न हो, इसके लिए लूप लाइन से धीमी गति से परिचालन शुरू किया गया। कर्मचारी गड़बड़ी को दूर करने लगे लेकिन, काफी देरी होने लगी तो स्पेशल ट्रेन के यात्री ट्रेन से उतरकर हंगामा करने लगे। हालांकि जब गड़बड़ी दूर नहीं हुई तो दूसरा इंजन मंगवाया गया और सुबह 9.15 बजे दूसरा इंजन लगाया गया। इसके बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया।

बता दें कि रेलवे में लूप लाइन का निर्माण इसलिए किया जाता है ताकि स्टेशन पर ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों को खड़ा किया जा सके। इसके अलावा लूप लाइन की मदद से ट्रेन के संचालन को आसान किया जाता है। सामान्य तौर पर इन लूप लाइंस की लंबाई 750 मीटर होती है, जो इंजन के साथ एक पूरी लंबाई वाली ट्रेन को समायोजित कर सकती है। इसके अलावा कोई इमजरेंसी आती है तो लूप लाइन का प्रयोग किया जाता है।