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यूपी: वाराणसी में मृत शिक्षकों के आश्रितों को पेंशन और ग्रेच्युटी का लंबा समय बीतने से बढ़ी चिंता। .
वाराणसी। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कई शिक्षक दिवंगत हो गए थे। वहीं निधन के आठ माह बाद एनपीएस से आच्छादित शिक्षकों के परिजनों को कोई भी लाभ नहीं दिया जा सका है। इसे लेकर शिक्षक संगठनों में रोष है। वहीं शिक्षक नेता सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव को संबोधित पत्र शिक्षा निदेशक माध्यमिक, अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक, संयुक्त शिक्षा निदेशक को मेल भी किया है। इसमें कहा गया है कि वाराणसी मंडल में एनपीएस से आच्छादित 16 शिक्षकों की मृत्यु कोविड 19 की दूसरी लहर में हुई है जिनकी पत्रावलियां उप शिक्षा निदेशक कार्यालय में लंबित है।
वहीं उप शिक्षा निदेशक वाराणसी द्वारा निदेशक माध्यमिक शिक्षा से एनपीएस खाते में जमा धन शिक्षकों के आश्रितों को आहरित कराया जाए या राजकोष में जमा किया जाए इस विषय पर स्पष्टीकरण को लेकर आठ माह से सभी मृतक आश्रितों के पेंशन व ग्रेच्युटी को रोक कर रखा गया है। जबकि उस धन का पेंशन व ग्रेच्युटी से कोई भी संबंध नहीं है।
बता दें कि जबकि भारत सरकार द्वारा 30 मार्च 21 को एनपीएस से आच्छादित किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया था कि एन पी एस खाते में अभिदाता के द्वारा किया गया अंशदान कर्मचारी को तथा सरकारी अंशदान सरकार के राजकोष में जमा होगा तथा कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके अंतिम आहरित मूल वेतन का आधा मृतक के आश्रित को पेंशन अगले दस वर्षों तक बनेगा।
वहीं दुर्भाग्यवश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में अब तक कोई भी विभागीय आदेश जारी नहीं किया गया है जिस कारण से कार्यालयों द्वारा आपत्ति लगाकर रोककर रखा गया है। दूसरी तरफ मृत शिक्षकों के परिवारवालों का जीवन संकटमय हो गया है जिससे सरकार व शासन की बदनामी हो रही है।
बता दें कि वहीं दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एन पी एस से आच्छादित शिक्षकों व कर्मचारियों की मृत्यु होने पर 06 अक्टूबर 2016 को जारी शासनादेश से यह व्यवस्था दी गई है कि 01 अप्रैल 2005 के पूर्व से लागू उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 के सभी लाभ अनुमन्य होंगे। सुधांशु ने मुख्यमंत्री से प्रदेश के समस्त शिक्षा उप निदेशक माध्यमिक कार्यालयों को शीघ्र एनपीएस से आच्छादित मृत शिक्षकों के आश्रितों को पेंशन और ग्रेच्युटी व अन्य देयकों को उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 के अनुसार देय समस्त लाभों को दिलाने का अनुरोध किया है।