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यूपी: वाराणसी समेत प्रयागराज में आज मनाया जाएगा देव दीपावली पर्व, भाग्योदय करने पृथ्वी पर आएंगे देवी देवता।

यूपी: वाराणसी समेत प्रयागराज में आज मनाया जाएगा देव दीपावली पर्व, भाग्योदय करने पृथ्वी पर आएंगे देवी देवता।


वाराणसी। कार्तिक पूर्णिमा की तिथि, ग्रह-नक्षत्रों के अद्भुत संयोग में शुक्रवार को देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। दीपदान, पूजन व ध्यान में लीन धर्मावलंबियों का भाग्योदय करने देवता स्वयं स्वर्गलोक से पृथ्वी पर अवतरित होंगे। वहीं धर्माचार्यों का मत है कि संध्याकाल में नदियों के तट पर दीपक जलाने वाले व्यक्ति का जीवन समस्त वैभव से प्रकाशमान हो जाएगा। कर्ज, सामाजिक, आर्थिक, मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। यही कारण है कि अलग-अलग संगठनों ने देव दीपावली पर दीपदान, पूजन करने का विशेष प्रबंध किया है। गंगा व यमुना के पवित्र जल में लाखों दीपों के प्रवाहित होने से धरती पर स्वर्गलोक की अनुभूति होगी।

बता दें कि अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम बताते हैं कि देव दीपावली मनाने के लिए देवता अलग-अलग स्वरूप धारण करके पृथ्वी पर आते हैं। वे गंगा स्नान के बाद संध्या काल में दीपावली का पर्व मनाते हैं। गंगा, यमुना व संगम के तट पर दीपदान करने वाले साधक को परमात्मा के साक्षात्कार करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। 

वहीं ज्योतिर्विद अमित बहोरे के अनुसार पूर्णिमा तिथि शुक्रवार की दोपहर 1.04 बजे तक रहेगी। कृतिका नक्षत्र, परिघ योग, भव करण के अलावा वृष राशि में चंद्रमा व राहु, वृश्चिक राशि में सूर्य व केतु तथा तुला राशि में मंगल व बुध ग्रह का संचरण होना दुर्लभ संयोग है। उक्त पवित्र अवसर पर दीपदान करने से शौर्य, बल, ज्ञान, धन, आयु, वैभव व धैर्य बढ़ेगा। धर्मावलंबी शाम को तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें।

वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज ज़िले में भी हरिहर गंगा आरती समिति के पदाधिकारियों की बैठक गुरुवार को सुरेश चंद्रा की अध्यक्षता में हुई। महासचिव अवधेश चंद्र गुप्त ने कहा कि देव दीपावली पर 51 हजार दीपों का दान करने के साथ मां गंगा की संगीतमयी आरती करके उत्सव मनाया जाएगा। बैठक में लालजी यादव, प्रमोद पांडेय, संजू, चुन्नू बाबा, राधेश्याम मौजूद रहे। कार्तिक महोत्सव आयोजन समिति द्वारा बलुआघाट बारादरी पर मां यमुना की बहुपात्रों द्वारा महाआरती राई जाएगी। समिति के महामंत्री शशांक शेखर पांडेय के अनुसार बारादरी को रंगोली और दीपक से सजाया जाएगा। घाट पर और नाव से 51 हजार दीपदान होंगे।