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यूपी: वाराणसी में कला-संस्कृति की आड़ में परोसी जा रही विकृति, जानिए महाभारत की द्रौपदी व युधिष्ठिर ने क्या कहा था।

यूपी: वाराणसी में कला-संस्कृति की आड़ में परोसी जा रही विकृति, जानिए महाभारत की द्रौपदी व युधिष्ठिर ने क्या कहा था।


वाराणसी। रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में चल रहे अंतरराष्ट्रीय संस्कृति संसद के तीसरे व अंतिम दिन ‘कला संस्कृति की आड़ में परोसी जा रही विकृतियां' पर चर्चा हुई, जिसमें रूपा गांगुली (महाभारत की द्रौपदी) व गजेंद्र चौहान (महाभारत के युधिष्ठिर) के अलावा मालिनी अवस्थी व दिलीप सूद ने अपनी बात रखी। वहीं सम्मेलन में भाग ले रहे जमशेदपुर से गए गंगा महासभा के बिहार-झारखंड उपाध्यक्ष धर्मचंद्र पोद्दार ने बताया कि सिनेजगत की इन नामीगिरामी हस्तियों ने इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि यह विकृति ज्यादातर नए अभिनेता, निर्माता व निर्देशक फैला रहे हैं। 

वहीं जो जल्दी से जल्दी बॉलीवुड में स्थापित होना चाहते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य जल्दी से जल्दी धन कमाना होता है। वरना बॉलीवुड में सिद्धांतवादी फिल्मकारों व कलाकारों की कमी नहीं है। वे कभी भी अश्लील या फूहड़ दृश्य का हिस्सा नहीं बनते हैं। सिनेमा में थोड़ा ग्लैमरस होता है, लेकिन उसकी एक मर्यादा या सीमा रेखा होती है। अश्लील या भोंडापन परोसने वाले कलाकारों को कभी भी बड़े पैमाने पर दर्शक नहीं मिलते। ऐसे लोग जल्दी ही परदे से गायब भी हो जाते हैं। इसके बावजूद नई पीढ़ी उनसे सबक नहीं लेती है, यह चिंता का विषय है। 

बता दें कि इस सत्र का संचालन दूरदर्शन के उदघोषक अशोक श्रीवास्तव ने किया। सत्र में प्रस्ताव पारित किया गया कि हमारी संस्कृति के विरुद्ध बनाई जाने वाली फिल्मों का बहिष्कार करेंगे। आर्थिक चोट आवश्यक है। इस सत्र की समाप्ति पर धर्मचंद्र पोद्दार ने दिलीप सूद को गंगाजल की लुटिया भेंट कर सम्मानित किया।

वहीं दूसरी तरफ दूसरा सत्र हिंदू मंदिरों का प्रबंधन हिंदुओं द्वारा विषय पर हुआ, जबकि इसी क्रम में ‘शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन की स्वतंत्रता' व ‘सशक्त राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भूमिका' भी उल्लेखनीय रही। इन सभी सत्रों में अनेक वक्ता सम्मिलित थे, जिनमें ओडिशा के सांसद प्रतापचंद्र सारंगी भी शामिल हुए। 

वहीं हिंदू मंदिरो वाले विषय पर केरल के राजा आदित्य वर्मा ने भी विचार रखे। सभी सत्रों का संचालन विभिन्न विद्वानों ने किया, जिनमें गोविंद शर्मा, भक्ति किरण, सीपी सिंह, विहिप के आलोक कुमार आदि शामिल थे। सम्मान स्वरूप सभी अतिथियों को रुद्राक्ष की माला, धार्मिक पुस्तके, गंगाजल की लुटिया, अंगवस्त्रम आदि भेंट की गई।