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यूपी: कानपुर सेंट्रल जाने वाले दिव्यांग और बुजुर्गों को मिलेगी राहत, अब कार से पहुंचेगे प्लेटफार्म।
कानपुर। सेंट्रल स्टेशन पर दिव्यांगों और बुजुर्गों को सर्कुलेटिंग एरिया से प्लेटफार्म तक पहुंचने में समस्या आती है। या तो वह स्वजनों के सहारे ट्रेन तक पहुंचते हैं या फिर व्हीलचेयर का प्रयोग करते हैं। कई बार व्हीलचेयर भी उन्हें उपलब्ध नहीं होती तब समस्या और बढ़ जाती है। रेलवे अब इस समस्या का समाधान करने जा रहा है। जिसके बाद दिव्यांग और बुजुर्ग सर्कुलेटिंग एरिया से कार में बैठकर प्लेटफार्म और ट्रेन तक पहुंच सकेंगे। योजना का ब्लूप्रिंट तैयार कर उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल भेजा गया है। अनुमति मिलते ही इस पर काम शुरू किया जाएगा।
वहीं सेंट्रल स्टेशन पर अक्सर दिव्यांगों और बुजुर्गों को प्लेटफार्म तक पहुंचने में समस्या होती है। इस समस्या के समाधान को रेलवे अधिकारियों ने बीओसी (बैट्री ओरियंटेड कार) चलाने की योजना तैयार की है। रेलवे इसके तहत प्लेटफार्म पर दो बीओसी चलाने की तैयारी कर रहा है। इसका प्रस्ताव बनाकर प्रयागराज मंडल भेजा गया है। प्रथम चरण में यह सुविधा प्लेटफार्म नंबर एक और दस पर रहेगी। अन्य प्लेटफार्म पर यह सुविधा शुरू करने के लिए अधिकारी योजना बना रहे हैं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक प्रथम चरण में प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। प्रयागराज मंडल डीआरएम मोहित चंद्रा इस पर अंतिम मुहर लगाएंगे। अनुमति मिलने के बाद कार की खरीद की जायेगी।
वहीं सेंट्रल स्टेशन में दस प्लेटफार्म हैं। इसमें एक नंबर और दस नंबर कैंट साइड से लगा हुआ है। एक नंबर खत्म होते ही दस नंबर प्लेटफार्म की शुरूआत हो जाती है। ऐसे में बीओसी का संचालन इन्हीं दो प्लेटफार्म पर होगा। अन्य प्लेटफार्म पर फिलहाल यह सुविधा नहीं होगी। इसके पीछे अधिकारी कारण बताते हैं कि फिजिबिलिटी नहीं मिल पा रही है। दरअसल सेंट्रल स्टेशन के प्रत्येक प्लेटफार्म पर जाने के लिए सीढिय़ां और सुरंग (सब-वे) दो माध्यम हैं। दिव्यांगों और बुजुर्गों को कार से ले जाने के लिए सब-वे ही मुफीद मार्ग है। लेकिन इसकी ढलान अधिक होने के चलते यहां कार चलाना सुरक्षित नहीं है। ऐसे में रेलवे अधिकारियों ने एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने के लिए अन्य मार्ग का विकल्प खोजा। अधिकारी बताते हैं कि फिजिबिलिटी न मिलने से यह संभव नहीं हो पा रहा है।