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यूपी: रामनगर में पीपीपी मोड पर चल रहे अस्‍पताल को वापस लेगी सरकार।

यूपी: रामनगर में पीपीपी मोड पर चल रहे अस्‍पताल को वापस लेगी सरकार।


रामनगर। विधानसभा चुनाव को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं का फीडबैक अच्छा नहीं मिलने से रामनगर संयुक्‍त चिकित्‍सायल को लेकर सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। रविवार को स्वास्थ्य मंत्री पीपीपी मोड पर चल रहे चिकित्सालय का जायजा लेने पहुंचे। लेकिन फीडबैक खराब मिलने पर उन्‍हें असहज होना पड़ा। जिसके बाद स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने नये सिरे से समीक्षा करने और कोई बड़ा निर्णय लेने की बात कही। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार पीपीपी मोड पर चलाए जा रहे चिकित्सालय को वापस भी ले सकती है।

वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं को पटरी पर लाने के मकसद से भाजपा सरकार ने संयुक्त चिकित्सालय को शुभम सर्वम कंपनी को चार सालों के लिए ठेके पर दिया था। अस्पताल चलाने के एवज में सरकार ठेकेदार को हर महीने करीब दो करोड़ रुपये देती है। पिछले साल जुलाई के प्रथम सप्ताह में कंपनी ने चिकित्सालय का संचालन अपने हाथों में लिया था। चिकित्सक व संसाधन होने के बावजूद लोगों में अस्पताल प्रशासन विश्वास नहीं जगा पाया।

बता दें कि स्वास्थ्य सुविधा को लेकर कई समय से मिल रहे नकारात्मक फीडबैक से भाजपा सचेत हो गई है। यही वजह है कि स्वास्थ्य मंत्री निरीक्षण के दौरान पीपीपी मोड को लेकर गंभीर दिखे। फीडबैक लेते समय मंत्री हर बार यह कहते नजर आए कि जैसा चाहोगे वैसा हो जाएगा। विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने बताया कि जो भी उन्हें फीडबैक देना था। वह समय-समय पर शासन व विभागीय मंत्री को देते रहते हैं। मकसद है कि स्वास्थ सुविधा सुधरे।

वहीं दूसरी तरफ खराब व्‍यवस्‍थाओं के कारण चिकित्सालय में राजनीतिक दलों द्वारा धरना प्रदर्शन निरंतर होते रहे हैं। सुविधा होने के बावजूद प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को भी रेफर करने के मामले सामने आते रहते हैं। कुछ माह पूर्व चिकित्सालय पहुंचे कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत से तक एक चिकित्सक ने अभद्र व्यवहार कर दिया था। खुद विधायक दीवान सिंह बिष्ट भी यहां अव्यवस्था के शिकार हो चुके हैं।