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यूपी: चंदौली सिकटिया कांड में पुलिस क्षेत्राधिकारी ने मृतक को भी नोटिस भेजकर बुलाया दफ़्तर में।

यूपी: चंदौली सिकटिया कांड में पुलिस क्षेत्राधिकारी ने मृतक को भी नोटिस भेजकर बुलाया दफ़्तर में।


चंदौली। पुलिस का अजीबोगरीब कारनामा जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस ने सिकटिया कांड में गवाही के लिए नोटिस भेजकर मृतक विशाल पासवान को भी सीओ सदर दफ्तर बुलाया है। पुलिस की नोटिस मिलने के बाद न सिर्फ शोक संतप्त स्वजन हैरत में हैं, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। चूक उजागर होने के बाद महकमा बैकफुट पर आ गया है। विभागीय अधिकारी अब गलती सुधारने की बात कह रहे हैं।

वहीं अलीनगर थाना के 13 नवंबर को सिकटियां गांव में दो पक्षों के बीच जमकर बवाल हुआ था। इसमें विशाल पासवान नामक युवक की लाठी-डंडे से पीटकर व पत्थर से सिर कूचकर हत्या कर दी गई थी। सीओ सदर अनिल राय घटना की जांच कर रहे हैं। उनकी ओर से सीओ दफ्तर में बयान दर्ज कराने के लिए पासवान बस्ती के लोगों को नोटिस जारी की गई है। 

वहीं दूसरी तरफ़ सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि पुलिस ने उस विशाल पासवान को भी बयान देने के लिए कार्यालय में बुलाया है, जिसकी घटनाक्रम में मौत हो चुकी है। चूक सामने आने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इससे महकमे में खलबली मची है।

वहीं सिकटिया कांड के मुख्य आरोपी कमला यादव की पत्नी सरस्वती देवी ने सीओ को प्रार्थना पत्र देकर घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इस पर क्षेत्राधिकारी जांच कर रहे हैं। उन्होंने नोटिस जारी करते हुए आवेदिका सरस्वती देवी सहित विशाल पासवान, अजय पासवान, विक्की पासवान समेत एक दर्जन लोगों को दो दिन के भीतर कार्यालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने को कहा है। 

वहीं नोटिस तामिला कराने की जिम्मेदारी अलीनगर थाना प्रभारी को दी गई है। बहरहाल, इस लापरवाही ने एक बार फिर महकमे की किरकिरी करा दी है। पुलिस की जांच और अधिकारियों की सक्रियता भी सवालों के घेरे में आ गई है। वहीं सिकटिया कांड के बाद घटनास्थल पर पहुंची मुगलसराय विधायक साधना सिंह ने सीओ की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने घटना के लिए सीओ की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उनके कामकाज के तरीके पर आपत्ति जताई थी। 

वहीं दूसरी तरफ़ उनका कहना रहा कि पहले से विवाद चल रहा था, सीओ व एसओ को इसकी जानकारी दी गई थी। यदि पुलिस पहले ही मामले को गंभीरता से लेती, तो शायद इतनी बड़ी वारदात नहीं होती। पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने कहा कि नोटिस जारी करने में चूक हुई है। इसे ठीक कराया जाएगा। मातहतों को निर्देश दिए जाएंगे कि कामकाज में पूरी सावधानी बरतें।