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यूपी: चंदौली में युवकों को किनारे हटकर बात करने को कहना पड़ा भारी, लात घूसे से पीटकर वृद्ध को मार डाला।

यूपी: चंदौली में युवकों को किनारे हटकर बात करने को कहना पड़ा भारी, लात घूसे से पीटकर वृद्ध को मार डाला।


चंदौली। चकिया नगर के वार्ड नंबर 4 कबीर नगर, घटमापुर निवासी लक्ष्मण प्रसाद (65) को शुक्रवार की देर शाम रास्ता विवाद को लेकर बस्ती के कुछ युवकों ने मारपीट कर मौत की नींद सुला दिया। पुलिस ने मृतक के पुत्र की तहरीर पर बस्ती के चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई में जुट गई।

वहीं लक्ष्मण प्रसाद रात्रि लगभग सात बजे मुहम्मदाबाद से कपड़ा प्रेस करा कर पैदल ही घर को आ रहे थे। घर से कुछ दूर पहले बस्ती के दिलीप, संदीप पुत्रगण स्वर्गीय रामवृक्ष, रजनीकांत पुत्र सुरेंद्र व धनंजय पुत्र मंगला प्रसाद बीच रास्ते में खड़ा होकर आपस में बातचीत कर रहे थे। लक्ष्मण प्रसाद ने रास्ते में खड़े होकर बातचीत कर रहे लोगों को किनारे होकर बातचीत करने को कहा। आरोप है कि यह बात रास्ते में खड़े लोगों को नागवार लग गया और बहसी युवको ने लात घूसे से वृद्ध लक्ष्मण प्रसाद की पिटाई कर दी। 

वहीं वृद्ध की चीख-पुकार सुनकर उनके घर की महिलाएं व बस्ती के लोग जुट गए। वृद्ध की हालत गंभीर देख हमलावर फरार हो गए। बस्ती के लोगों की मदद से महिलाओं ने वृद्ध को किसी प्रकार घर पर ले गई। किसी कार्य से बाहर निकले पुत्र धरमवीर घर लौटे तो वृद्ध पिता की हालत देख हाल परेशान हो गए। पूछताछ करने पर रोते बिलखते महिलाओं ने स्थिति से अवगत कराया।

बता दें कि आनन फानन निजी साधन से वृद्ध को संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने लक्ष्मण प्रसाद को मृत घोषित कर दिया। घटना से स्वजनों में कोहराम मच गया। लोगों का रो- रो कर बुरा हाल हो गया। सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन सुखराम भारती मौके पर पहुंच गए। पीड़ित परिवार को ढांढस बधाते हुए आवश्यक कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर 

वहीं पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। कोतवाल राजेश यादव ने बताया कि हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर कर दी गई है। पुलिस टीम हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।

बता दें कि लक्ष्मण प्रसाद मुहम्मदाबाद स्थित उप सब्जी मंडी में मुनीम का कार्य करते थे। लिखा पढ़ी के कार्य में बड़े ही माहिर थे। घर की गृहस्थी का बोझ लक्ष्मण प्रसाद के कंधों पर था। पुत्री वर्षा की शादी करनी थी। पुत्र धरमवीर, सुनील, अनिल की शादी कर चुके थे। सभी मेहनत मजदूरी करते हैं। घटना से पत्नी राधा समेत पुत्री व अन्य स्वजनों का रो- रो कर बुरा हाल हो गया।