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यूपी: लखनऊ में प्रदूषण रोकने को पर नगर निगम हुआ सख्‍त, मलबा फेंकने पर देना होगा पचास हजार जुर्माना।

यूपी: लखनऊ में प्रदूषण रोकने को पर नगर निगम हुआ सख्‍त, मलबा फेंकने पर देना होगा पचास हजार जुर्माना।


लखनऊ। वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ नगर निगम सख्ती के मूड में है। अगर किसी ने सार्वजनिक स्थलों पर मलबा फेंका तो पचास हजार का जुर्माना भरना पड़ सकता है और अगर कूड़ा जलाया तो पांच हजार का अर्थदंड लगेगा। 

वहीं नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश सभी जोनल अधिकारियों और अभियंताओं को दिए हैं। अधिकारियों की टीम के साथ नगर आयुक्त ने शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा भी किया। निर्माण कराने वाली कार्यदायी संस्थाओं पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जो वायु प्रदूषण फैला रही हैं। 

बता दें कि नगर आयुक्त ने बताया कि वायु प्रदूषण फैलाने में सड़क पर एकत्र धूल और मिट्टी भी हैं। वाहनों के आवागमन तथा हवा चलने पर सड़क पर जमा धूल और मिट्टी के कण वातावरण में छा जाते हैं। इसके अतिरिक्त नगरीय क्षेत्रों में कूड़ा जलाने से भी वायु प्रदूषण बढऩे की संभावना रहती है। 

वहीं निर्माण सामग्री के अवशेष से भी वायु प्रदूषण होता है। हाट स्पाट को चिह्नित कर निर्माण, बिल्डिंग मैटेरियल, रोड डस्ट, इंडस्ट्रियल क्षेत्र में प्रदूषण, ट्रैफिक जाम एवं कूड़ा जलाने से उत्पन्न वायु प्रदूषण को विभिन्न विभागों के सहयोग से नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने कार्य शुरू कर दिया है।

बता दें कि नगर आयुक्त ने लोक निर्माण विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, राजकीय निर्माण निगम, सेतु निगम, जल निगम के अधिकारियों से कहा कि निर्माण सामग्रियों को कवर कर रखा जाए, निर्माण स्थलों व मार्गों पर पानी का छिड़काव करने के साथ ही निर्माणाधीन कार्यों के पास ग्रीन मैटिंग का पर्दा लगाने को कहा है। 

और वही आज गुरुवार को नगर आयुक्त की अध्यक्षता में लखनऊ विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, जिला प्रशासन, प्रभागीय वन अधिकारी अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात), क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जिला उद्योग एवं उद्यमी प्रोत्साहन केंद्र्र, एनएचएआइ, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, जिला उद्यान विभाग, राज्य सेतु निगम, राजकीय निर्माण निगम, गोमती प्रदूषण नियंत्रण इकाई, जल निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक होगी, जिसमें वायु प्रदूषण से निपटने की रणनीति बनेगी।