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यूपी: वाराणसी में इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ने से प्रदूषण में आएगी कमी, लीथियम बैटरी होगी चलने में सहायक।
वाराणसी। धरती को प्रदूषण से मुक्त कराने के क्रम में देर से सही लेकिन तेजी से केंद्र सरकार ने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। अगले तीन से पांच साल के दौरान देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां 22,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन की स्थापना करेंगी। इस क्रम में वाराणसी क्षेत्र में भी बढ़ी संख्या में ऐसे सेंटर स्थापित करने की तैयारी है।
वहीं हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने प्रायोगिक तौर पर दुर्गाकुंड में टाटा पावर के साथ मिलकर कार्य प्रारंभ भी कर दिया है। बता दें कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और एचपीसीएल व बीपीसीएल 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में अपना योगदान देंगी। बहरहाल, इलेक्ट्रिक वाहनों में अति महत्त्वपूर्ण और धरती पर सीमित जगहों पर उपलब्ध लीथियम से निर्मित बैटरियां इस्तेमाल की जाएंगी जिसे इन सेंटरों पर चार्ज करने की सुविधा होगी।
वहीं वैसे समय के साथ सुविधा उपलब्ध कराने में बहुत बदलाव की संभावनाएँ हैं। वाराणसी ऑटो मोबाइल डीलर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव कुशाग्र अग्रवाल ने बताया कि हर महीने अकेले वाराणसी में 100 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हो रही है। दाम भले ही ज्यादा हैं लेकिन भविष्य की जरूरतों को देखते हुए लोग इसे अधिक पसंद करने लगे हैं।
चीन का लीथियम बैटरी निर्माण के क्षेत्र में दबदबा है। 70 फीसदी लीथियम बैटरी का निर्माण अकेले चीन में होता है। शेष जापान, अजेंटीना, आस्ट्रेलिया समेत अमरीका में होता है। बहरहाल, भारत में इन देशों से बैटरी का आयात किया जाता है। बता दें कि मोबाइल फोन, टीवी, रिमोर्ट लैपटॉप समेत इलेक्ट्रिक वाहनों में लीथियम बैटरी का उपयोग किया जाता है। जानकारों के मुताबिक इसका निर्माण भारत में शुरू होने से कीमतें भी खासी कम होंगी। ये तकरीबन आधी हो जाएंगी।
वहीं 1200 करोड़ रुपए की लागत से मध्य प्रदेश के सिवनी में लीथियम बैटरी निर्माण उद्योग स्थापित होने जा रहा है। यह देश में पहला ऐसा उद्योग होगा जहां लीथियम बैटरी का निर्माण होगा। केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्री महेंद्र पांडेय ने इस उद्योग को हरी झंडी दे दी है।
बता दें कि कर्नाटक के मंड्या जिले के मार्लागाला-अल्लापटना में लीथियम का स्रोत मिला है। यहां करीब 1600 टन लीथियम अयस्क मौजूद है। भारत सरकार ने वर्ष 2020 में लिथियम के स्रोत मिलने की पुष्टि की। इसके अलावा देश के कई राज्यों में लिथियम की खोज की जा रही है। फिलहाल बोलिविया में लीथियम का 21 मिलियन टन, अर्जेंटीना में 17 मिलियन टन, चिली में 9 मिलियन टन, अमेरिका में 6.8 मिलियन टन, ऑस्ट्रेलिया में 6.3 मिलियन टन और चीन 4.5 मिलियन टन स्रोत मौजूद है।
1. यह वजन में हल्की होती है ।
2. बैकअप अच्छा देती है।
3. क्षमता ज्यादा होती है।
4. गर्म कम होती है ।
5. काफी समय तक चलती है।
6. चार्ज जल्दी होती है।