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यूपी: सहारनपुर में रोडवेज को लाखो की चपत लगा रहे डग्गामार वाहन, यात्रियों के साथ भी करते है अभ्र्द्रता।
सहारनपुर। जनपद के कई मार्गों पर डग्गामार वाहन बखौफ होकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। डग्गमार वाहनों के कारण जहां रोडवेज विभाग को लाखो रूपए महीना की चपत लग रही है। वहीं परमिटधारी वाहन स्वामियों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। सम्बंधित विभागो द्वारा कार्रवाई न किए जाने से परमिटधारी वाहन स्वामियों में भी खासा रोष बना हुआ है। हालाकिं डग्गामार वाहनों पर रोक लगाने के लिए धरना-प्रदर्शन तक हो चुके है बावजूद इसके विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है।
वहीं जनपद के विभिन्न मार्गों पर इन दिनों डग्गामार वाहनों का राज चल रहा है। जनपद मुख्यालय से अलग-अलग स्थानों को जाने वाले रास्तों पर चालक डग्गामार वाहनों को बखौफ तरीके चला रहे है। सहारनपुर से देवबंद, नागल, गागलहेड़ी, छुटमलपुर, बिहारीगढ़, सरसावा, गंगोह, रामपुर, नानौता, बडगांव, चिलकाना, बरौली आदि मार्गों पर टाटा मैजिक, मैक्स, थ्री व्हीलर आदि सहित कई प्रकार के डग्गामार वाहनों की भरमार है। पहले से ही टूूटी सड़कों और बसो की खस्ता हालत के कारण रोडवेज को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
वहीं अब कई मार्गों पर डग्गामार वाहनों के चलने के कारण रोड़वेज को घाटे के अनुमान लगाए जा रहे है। सूत्रों की माने तो इन डग्गामार वाहनों की वजह से परिवहन विभाग को प्रतिमाह लाखो रूपए की चपत लग रही है। डग्गामार वाहनों से जहां रोडवेज को घाटे का सामना करना पड़ रहा है, वही परमिटधारी वाहन मालिकों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा हैं।
बता दें कि डग्गामार वाहनों पर रोक लगाने के लिए कुछ दिनों पहले सहारनपुर-चिलकाना-गन्देवड मार्ग पर चलने वाली बसों के चालक, परिचालक व स्वामियों द्वारा बसों की हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद संभागीय परिवहन अधिकारी ने कुछ वाहनों पर कार्रवाई कर अपने काम की इतिश्री कर ली थी।
वहीं जनपद के अलग-अलग मार्गो पर चलने वाले डग्गमार वाहन जहां परिवहन विभाग को चपत लगा रहे है वहीं इन वाहनों में सफर करने वाले यात्रियों से अधिक किराया वसूलने के साथ ही उनके साथ अभद्रता करते हुए मारपीट करने तक पर उतारू हो जाते है। जिस वजह से कई यात्रियों द्वारा भी ऐसे वाहनों पर अंकुश लगवाए जाने की मांग कई बार की जा चुकी है।
वहीं डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगाने का जिम्मा संभागीय परिवहन विभाग, परिवहन निगम, पुलिस और प्रशासन का है। बताया जाता है कि चारों विभागों को संयुक्त रूप से अभैयान चलाकर डग्गामार वाहनों को बंद कराना चाहिए, लेकिन चारों विभागो द्वारा शायद ही कभी कोई कार्रवाई की गई हो। कार्रवाई न होने से डग्गामार वाहन चालकों के हौंसले बुलंद है।