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यूपी: मीरजापुर से सोनभद्र आ रही स्कूली बस पलटी, घटना के बाद दोनों जिलों की पुलिस मौके पर भी नहीं पहुंची।

यूपी: मीरजापुर से सोनभद्र आ रही स्कूली बस पलटी, घटना के बाद दोनों जिलों की पुलिस मौके पर भी नहीं पहुंची।


सोनभद्र। जिले की सीमा से सटे मीरजापुर के अहरौरा थाना क्षेत्र के पड़रवा गांव में शनिवार की सुबह एक स्कूल बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में बस में सवार करीब 25 बच्चे मामूली रूप से घायल हो गए। बच्चों की चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए और घायल बच्चों को बाहर निकालकर मामले की जानकारी उनके स्वजन को दी। मौके पर पहुंचे लोग बच्चों को लेकर घर चले गए। इस घटना के बाद न तो मीरजापुर और न ही सोनभद्र जिले के करमा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। वजह कि घटनास्थल मीरजापुर जिले में था जबकि बस पर ज्यादातर सोनभद्र के बच्चे सवार थे।

वहीं सोनभद्र के करमा थाना क्षेत्र के पगिया गांव में एक निजी इंटर कालेज संचालित है। इस कालेज में बच्चों को आने जाने के लिए बस की भी सुविधा है। शुक्रवार की सुबह यहां की स्कूल बस क्षेत्र से बच्चोंं को लेने गई थी। बस मीरजापुर जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र के पड़रवा गांव से स्कूली बच्चों को लेकर विद्यालय के लिए लौट रही थी। कुछ ही दूर जाने पर बस अनियंत्रित होकर पड़रवा गांव में ही खेत में जाकर पलट गई। 

वहीं दूसरी तरफ इस हादसे में बस में सवार करीब 25 बच्चे घायल हो गए। बस पलटने के बाद ही मौके पर बच्चों की चीख पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण उनकी मदद में दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने बच्चों को बस से बाहर निकाला और मामले की जानकारी उनके परिजनों को मोबाइल के जरिए दी। सूचना पर सुबह-सुबह परिजन जिस हाल में थे, उसी हाल में घटना स्थल पर पहुुंच गए। उन्होंने देखा कि बच्चों को ज्यादा चोट नहीं आई है। ग्रामीणों की मदद के बाद परिजन बच्चों को लेकर अपने-अपने घर चले गए। उधर घटना के बाद स्कूल बस का चालक मौके से फरार हो गया।

बता दें कि मीरजापुर जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र के पड़रवा गांव में शनिवार को स्कूल बस की हुई दुर्घटना के बाद यह मामला खुलकर आया कि बस में किसी भी घटना के बाद त्वरित उपचार के लिए फस्टेट बाक्स की जरूरत होती है लेकिन इस बस में यह सुविधा नहीं थी। ग्रामीणों का कहना है कि चालक के भाग जाने के बाद उन्होंने बच्चों के त्वरित उपचार के लिए फस्टेट बाक्स बस में खोजा लेकिन बाक्स नहीं मिला। हालांकि, घटना के बाद मौके पर आए अभिभावक अपने बच्चों को घर ले गए। संभावना जताई जा रही है कि अभिभावकों ने निजी चिकित्सक से बच्चों का उपचार कराया होगा।