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यूपी: वाराणसी भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान द्वारा छात्रों के लिए 'साइंस विलेज फेस्टिवल' एवं शैक्षणिक भ्रमण का किया गया आयोजन। .
वाराणसी। राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के वाराणसी चैप्टर के तत्वाधान में काशी नरेश राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय, ज्ञानपुर भदोही के 50 छात्र- छात्राओं हेतु 27 नवंबर को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में शैक्षणिक भ्रमण एवं छात्र संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार कांति बेहरा ने छात्रों में सब्जी शोध की उपयोगिता से अवगत कराते हुए कृषि में रोजगारपरक संभानावओं की चर्चा की।
वहीं अकादमी के फेलो डॉ. सुधाकर पाण्डेय, डॉ. नागेन्द्र रॉय एवं डॉ. डी आर भारद्वाज ने कृषि क्षेत्र में अध्ययन, शोध एवं रोजगार से जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर छात्रों का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर छात्रों द्वारा प्रयोगशाला एवं प्रायोगिक प्रक्षेत्र का भ्रमण भी किया गया जिसमें उन्होंने सब्जी शोध से जुडी बारीकियों को करीब से जाना। इस कार्यक्रम के समन्वयक संसथान के वैज्ञानिक डॉ. इन्दीवर प्रसाद एवं डॉ. बी. राजशेखर रेड्डी रहे।
बता दें कि इसी क्रम में भारत सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं भू-विज्ञान द्वारा विज्ञान भारती के सहयोग से आयोजित किये जा रहे इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2021 के 'साइंस विलेज फेस्टिवल' की थीम के अंतर्गत राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, जक्खिनी, वाराणसी में एक दिवसीय वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर जागरूक करना था।
वहीं इस कार्यक्रम में कॉलेज के अध्यापकों के साथ साथ 158 से अधिक बालिकाओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम के समन्वयक प्रधान वैज्ञानिक डॉ. डी पी सिंह विद्यार्थियों के बीच चर्चा करते हुए कहा कि अपने आस पास घटित होने वाली दैनन्दिन की घटनाओं के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण रख कर उनके तथ्यगत समाधान ढूंढने के प्रयासों से जीवन मे सार्थक बदलाव लाया जा सकता है।
बता दें कि प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुदर्शन मौर्या ने जन- संवाद के रूप में घरों में प्रतिदिन घटित होने वाली फर्मेंटेशन प्रणाली पर सविस्तार चर्चा की। साथ ही डॉ. स्वाति शर्मा ने विद्यार्थियों को खाद्य प्रसंस्करण और सब्जी भंडारण के वैज्ञानिक तरीकों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा बनाये गए विभिन्न मॉडल भी प्रस्तुत किये गए। बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्या विद्यावती देवी ने इस कार्यक्रम को बेहद उपयोगी बताते हुए वैज्ञानिकों का आभार ज्ञापन किया और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम विद्यालय में कराए जाने की आशा व्यक्त की।