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UP: हर दल को आस्था के सहारे आशीर्वाद की आस, धार्मिक स्थानों पर जाने की होड़ में नेता

UP: हर दल को आस्था के सहारे आशीर्वाद की आस, धार्मिक स्थानों पर जाने की होड़ में नेता

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में सियासी समर की गर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है आस्था के जरिये वोटों के आशीर्वाद की आस भी बढ़ती जा रही है। चाहे भाजपा हो या फिर कांग्रेस या आम आदमी पार्टी, कमोबेश हर सियासी दल पूजा-अर्चना, दीपोत्सव तो कोई रामपूजन के बहाने आस्था दिखा मतदाताओं को संदेश देने की पुरजोर कोशिश में जुटा है।

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही अयोध्या में दीपोत्सव के साथ ही मथुरा में होली के बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित करने की परंपरा शुरू हुई। अयोध्या में एक के बाद एक रिकार्ड दीप प्रज्ज्वलित किए गए। इसके जरिये पार्टी ने जहां हिन्दुत्व को धार देने की कोशिश की वहीं राममंदिर बनाने के अपने पुराने वादे के प्रति प्रतिबद्धता भी जताई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कनाडा से वापस लाई गई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की काशी में स्थापना का भी ऐलान किया।

राजनीतिक विश्लेषक आईजी अरुण कुमार कहते हैं- ऐसा कर पार्टी लगातार संदेश दे रही है कि न तो राममंदिर उसके एजेंडे से गायब हुआ है और न ही हिन्दुत्व और हिन्दू। इसके पीछे सियासी लाभ लेना भी एक मंशा रहती है।

आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसमें पीछे नहीं रहे। उन्होंने अयोध्या आकर रामलला के दर्शन किए। इससे पहले उनके डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने भी रामलला के दर्शन किए। वह दिल्ली में अपने मंत्रिमंडल के साथ दीपावली पर भगवान राम का पूजन-अर्चन बड़े पैमाने पर कुछ उसी तर्ज पर कर रहे हैं, जैसे अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य कार्यक्रम होता है। पार्टी संदेश दे रही है कि उसके लिए सभी धर्म एक बराबर हैं। ऐसा कर असल में चुनावों में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण होने से रोकना मकसद है तो हिन्दुत्व के नाम पर वोटों के छिटकने के खतरे को थामने का भी प्रयास है।


बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र ने भी अयोध्या में रामलला का दर्शन कर सोशल इंजीनियरिंग का संदेश दिया। वहीं से उन्होंने अपनी प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठियों की शुरुआत कर ब्राह्मणों का आशीर्वाद लिया। कहना गलत न होगा कि सियासी दल दरअसल सत्तारूढ़ दल को राममंदिर बनवाने का श्रेय किसी भी हाल में नहीं लेने देना चाहते।


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का भी दीपावली की रंगोली बनाते और दीप जलाते वीडियो जारी कर शुभकामनाएं दी गई हैं। ऐसा पहली बार हुआ जब प्रियंका का दिवाली मनाते हुए वीडियो जारी किया गया। वह किसी भी जिले में जाती हैं तो वहां के प्रसिद्ध मंदिरों में माथा टेकने से नहीं चूक रहीं। ललितपुर में वह दतिया पीठ में ध्यान-चिंतन करने से नहीं भूलीं। उन्होंने काशी में अपनी रैली की शुरुआत भी दुर्गा स्तुति के साथ की। काशी धर्म और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र है, शायद इसीलिए प्रियंका ने काशी से साफ्ट हिन्दुत्व का संदेश दिया।