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यूपी: गोरखपुर में ओडीएफ के बहाने बर्बाद हो रही शौचालय की धनराशि।

यूपी: गोरखपुर में ओडीएफ के बहाने बर्बाद हो रही शौचालय की धनराशि।


गोरखपुर। प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो, और संक्रमित बीमारी न फैले। इसके लिए सरकार बारह हजार रुपए हर ग्रामीण को शौचालय निर्माण के निमित्त बतौर प्रोत्साहन राशि दे रही है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक ग्राम पंचायत में लाखों रुपए की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया। सिद्धार्थनगर में कई सामुदायिक शौचालय अभी तक अधूरे होने के कारण बेकार साबित हो रहे हैं।

वहीं भनवापुर विकास खण्ड के 111 ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त के खाते से एक लाख रुपए की लागत से वित्तीय वर्ष 2020-2021 में सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए धन आवंटित किया गया। प्रारंभ में काम होता देख ग्रामीणों में खुशी थी कि अब शहरी तर्ज पर सरकारी शौचालय का सपना गांव में ही पूरा हो जाएगा। निर्माण शुरू हुआ, केबिन भी बन गई, मगर गड्ढे न बनाए जाने से निराशा ही हाथ लगी। बिजली के अभाव में वाटर पंप भी खराब व चोरी होने के कगार पर हैं।

बता दें कि प्रधानी सत्ता बदली तो वर्तमान जिम्मेदारों का ध्यान भी इस तरफ नहीं रहा। ड़ेंगहा जोत कस्तूरी, चौखड़ा, महतिनिया, सिरसिया आदि गांव उदाहरण हैं, जहां के सामुदायिक शौचालय अधूरे हैं और खुले में शौच के लिए लोगों को जाना पड़ता है। ब्लाक के राम प्रसाद, गोविंद, फुलचंद्र, हरिराम का कहना है कि सरकार लोगों को सुविधा दे रही है, लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते योजना में आए धन का बंदरबाट हो रहा है। बीडीओ धनंजय सिंह ने कहा कि जहां सामुदायिक शौचालय अधूरे हैं वहां निर्माण के लिए सेक्रेटरी व ग्राम प्रधान को निर्देशित किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ भवानीगंज में बेवां उतरौला मार्ग पर बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए, स्थानीय लोगों ने विभाग से उक्त मार्ग पर जगह-जगह स्पीड ब्रेकर बनाए जाने की मांग की है। स्पीड ब्रेकर तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लगा सकता है, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। स्थानीय लोगों में वहीद अहमद, सुभाष चंद्र आनंद, वाजिद, मनबहाल, पप्पू, विजय गुप्ता, बीर वर्मा आदि लोगों ने पीडब्ल्यूडी से स्पीड ब्रेकर बनवाने की मांग की है। 

वहीं क्षेत्र के धोबहा चौराहे व धोबहा गांव में लगा हाईमास्ट कई माह से खराब होने से लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। उक्त व्यवस्था पूर्व सांसद मोहम्मद मुकीम के कार्यकाल में हुई थी। दयाराम ,फूलचंद, मानिकराम, रफीक, राहुल, जिब्रील आदि लोगों ने हाईमास्ट ठीक कराने की मांग की है।