Covid-19
यूपी: वाराणसी सहित पूरे प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट से बचाएगी वैक्सीन और बूस्टर डोज, वहीं सैनिटाइजर से अधिक जरूरी अब होगा फेस मास्क। .
वाराणसी। बहुत जल्दी-जल्दी कोरोना अपना रूप बदल रहा है। दक्षिण अफ्रीका में आए नए वैरिएंट ओमीक्रोन ने चिंता और बढ़ा दी है। अभी तक 330 प्रकार के कोरोना के वैरिएंट चिन्हित किए गए हैं। हालांकि राहत भी बात है कि सभी तरह के वैरिएंट में से 70-80 फीसद पर देशवासियों को लगाए गए टीके कारगर साबित हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर कोई जिनती जल्दी हो सके कोरोना की दोनों डोज लगवा ले। कारण कि बड़ों से भी बच्चों में इंफेक्शन फैलता है।
वहीं ऐसे में अगर बड़े दोनों डोज लगवा लिए रहेंगे तो वे व उनके बच्चे भी काफी हद तक सुरक्षित हो जाएंगे। इसके साथ ही अगर बूस्टर डोज लग जाएं तो हम नए वैरिएंट से लड़ने में भी मजबूत हो जाएंगे। इसके साथ ही हम सभी को मास्क लगाना बहुत जरूरी है, क्योंकि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है।
बता दें कि वहीं केजीएमयू लखनऊ के पूर्व कुलपति, एम्स नई दिल्ली के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ व नाम्स (राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी) के सचिव प्रो. डीके गुप्ता का कहना हैं कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू की ओर से आयोजित नाम्स के 61वें सम्मेलन में आए प्रो. गुप्ता ने रविवार को मीडिया से इस संबंध में बातचीत हुईं।
वहीं दूसरी तरफ़ प्रो. गुप्ता ने कहा कि जो भी दक्षिण अप्रीका या उससे संपर्क देश से आए उसे हर हाल में तीन दिन क्वारंटाइन करने की जरूरत है। साथ ही दक्षिण अफ्रीका से आने वाली फ्लाइट को भी प्रतिबंधित कर देना चाहिए। ताकि भारत में नया वैरिएंट नहीं फैलने पाए। उन्होंने बताया कि यह वैरिएंट एक से दूसरे में फैलने के बाद और अधिक अक्रामक होकर नया-नया रूप धारण करने लगता है। इसमें फैलाव की क्षमता अधिक है। हालांकि जिन लोगों ने कोरोना की दोनों डोज लगवा ली है वे काफी हद तक सुरक्षित हो गए हैं।
वहीं अगर देश में इतने बड़े पैमाने पर कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी होती तो स्थिति बहुत ही भयावह हो गई होती। अब समय आ गया है कि बूस्टर डोज भी लगाई। ताकि लोगों की इम्यूनिटी और अधिक बढ़ जाए। जो लोग कोरोना की दोनों डोज लगवा लिए हैं वे अब तीसरी या बूस्टर डोज लगवाने के प्रति सजग हो जाए।
बता दें कि वहीं दूसरी तरफ़ प्रो. गुप्ता ने बताया कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर में जो भी दवाएं या इंजेक्शन का उपयोग हुआ है वे सभी आउटडेटेड हो गई हैं। इस बार नई दवाओं के लिए गाइड लाइन जारी हो सकती है। अभी बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है इसलिए जरूरी है कि बड़े हर हाल में टीका लगवा लें।