Headlines
Loading...
यूपी: आगरा में लूट का मुकदमा दर्ज कराने को तीन दिन से दो थानों के चक्कर लगा रही पीड़िता।

यूपी: आगरा में लूट का मुकदमा दर्ज कराने को तीन दिन से दो थानों के चक्कर लगा रही पीड़िता।

KESHARINEWS24

आगरा। अधिकारी भले ही पीड़ित की थाना स्तर पर सुनवाई के दावे करते हों। मगर, हकीकत इससे अलग है। तीन दिन पहले एक महिला आटो में लुटेरों का शिकार बनी। उसको बेहोश करके शातिरों ने एक लाख रुपये कीमत के गहने लूट लिए। इसके बाद से पीड़िता रकाबगंज और एत्माद्दौला थाने के कई बार चक्कर लगा चुकी है। मगर, अभी तक किसी थाने में उसका मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। दोनों एक दूसरे के क्षेत्र की घटना बताकर उसको टरका रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ मूलरूप से राजस्थान के धौलपुर निवासी राधा अपने परिवार के साथ टेढ़ी बगिया में किराए पर रहती है। उसके पति ठेकेदारी करते हैं। राधा ने बताया कि गुरुवार को धौलपुर में उनकी ननद की गोद भराई का कार्यक्रम था। इसमें शामिल होने के लिए गुरुवार दोपहर 12 बजे राधा चार वर्ष की बेटी दिव्यांशी के साथ घर से धौलपुर जाने के लिए निकली थी। रामबाग चौराहे से वह बिजलीघर चौराहे के लिए आटो में बैठी। राधा के अनुसार, आटो में पहले से बैठे दो युवकों ने उसके चेहरे के आगे रुमाल घुमाया। 

बता दें कि इसके बाद वह बेहोश हो गई। होश आया तब वह बिजलीघर चौराहे पर थी। बेटी उनके पास खड़ी रो रही थी। इसके बाद चौराहे पर कुछ महिलाएं उनकी मदद को आ गईं। वे उन्हें लेकर आगरा फोर्ट पुलिस चौकी पर पहुंच गईं। राधा ने चौकी प्रभारी को घटना की जानकारी दी। उन्होंने रामबाग पुलिस चौकी भेज दिया। रामबाग पुलिस चौकी में मिले पुलिसकर्मियों ने उनसे कहा कि घटना बिजलीघर की है। इसलिए वहीं जाकर पुलिस से शिकायत करें। परेशान होकर वह गुरुवार को घर चली गईं। 

वहीं शुक्रवार को सुबह ही वे रामबाग चौराहे पर पहुंच गईं। वहां एक आटो चालक को पहचानकर लोगों की मदद से पुलिस चौकी में ले गईं। पुलिस चौकी में मिले सिपाही ने आटो चालक का मोबाइल लेकर उन्हें दे दिया। थोड़ी देर बाद उसे छोड़ दिया। उन्होंने सिपाही को आटो चालक का मोबाइल दिया, लेकिन उसने मोबाइल लेकर घर जाने को कह दिया। शनिवार को सुबह वे फिर से रामबाग चौकी में पहुंचीं। 

बता दें कि वहां से उन्हें फटकार कर भगा दिया। इसके बाद उन्होंने इंस्पेक्टर एत्माद्दौला के आफिस में जाकर घटना की जानकारी दी। थाने में वह फूट-फूटकर रोईं। मगर, उनका मुकदमा दर्ज करने के बजाय रकाबगंज थाने जाने को बोल दिया गया। परेशान होकर पीड़िता आटो चालक का मोबाइल थाने में ही जमा कराके अपने घर चली गईं।