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यूपी: वाराणसी में शादी के बाद गंगा का पूजन करने क्यों पहुंचते हैं दूल्हे और दुल्‍हन।

यूपी: वाराणसी में शादी के बाद गंगा का पूजन करने क्यों पहुंचते हैं दूल्हे और दुल्‍हन।


वाराणसी। भगवान शिव की नगरी काशी में शादियों का सीजन इन दिनों खूब परवान चढ़ रहा है। इस दौरान मां गंगा को पूजने की मान्‍यता के साथ दूल्हे और दुल्‍हन परंपरागत तरीके से परिधानों में सज धजकर घाटों पर इन दिनों आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वहीं कोरोना संक्रमण काल के दौरान शादियों पर भी कोरोना का साया कुछ इस तरह सवार हुआ कि लोगों ने विवाह की रस्‍मों तक को टाल दिया था। अब दोबारा शादियों का सीजन शुरू हुआ तो मंदिरों के साथ मां गंगा के पूजन की मान्‍यता और विधान के चलते काशी क्षेत्र में गंगा तट पर नव विवाहितों की भी खूब सक्रियता दिख रही है। 

वहीं गंगा का पूजन करने के लिए वाराणसी ही नहीं आसपास के जनपद के दूल्‍हे और दुल्‍हन गांठ बांधकर गंगा मैया का आशीष लेने पहुंच रहे हैं। गंगा तट पर पूजन अनुष्‍ठान की रौनक देखते ही बन रही है। दूल्‍हे और दुल्‍हन की हंसी ठिठोली और गंगा का किनारा लोगों के आकर्षण के पाश में तो वैसे भी बंधा रहता था लेकिन शादी के जोड़े में सजे संवरे नवयुगलों को देखकर लोग आकर्षित भी हो रहे हैं।

वहीं दूल्‍हे और दुल्‍हन तीर्थ पुरोहितों और पंडों के निर्देशन में गंगा जल से आचमन करते और गंगा की लहरों पर नौकायन करते खूब नजर आ रहे हैं। पूरे सीजन भर गंगा की लहरों पर गंगा पुजइया का दौर चलता रहेगा। मान्‍यता है कि घर परिवार में शादी की मनौती पूरी होने के बाद गंगा मैया के पूजन और उनको पियरी चढ़ाने और दीपदान की कामना को पूरा करने के लिए लोग गंगा तट पहुंच रहे हैं।

वहीं इन दिनों दशाश्‍वमेध घाट और शीतला घाट पर आस्‍था का सागर उमड़ा हुआ है। अमूमन सुबह से लेकर दोपहर तक नव विवाहित जोड़े पूजन और अनुष्‍ठान के साथ दान पुण्‍य की कामना के साथ घाट पर पहुंच रहे हैं।
शादी विवाह का लग्न तेज है और इसका असर प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर देखने को मिल रहा है। जहां बड़ी संख्या में नव विवाहित जोड़े गंगा पूजन के लिए पहुंच रहे है। 

वहीं गंगा पूजन के दौरान इन खूबसूरत पलों को सेल्फी के माध्ययम से दूल्‍हे और दुल्‍हन भी मोबाइल के कैमरे में खुद की स्‍मृतियां हंसते सकुचाते और शरमाते कैद करना नहीं भूल रहे हैं। अमूमन हर दिन ऐसा नजारा देखने को मिलता है, हंसते मुस्कुराते तो कभी शरमाते दुल्हनों से घाट गुलजार रहा। इन जोड़ो ने गंगा पूजन और मां शीतला का दर्शन पूजन करके परंपरा का निर्वाह तो किया ही साथ ही नौका विहार और चाट का भी आनंद लिया। 

वहीं गंगा की अविरल लहरों में पूजन अनुष्‍ठान के साथ ही मंदिरों में पूजन और कामना पू‍र्ति के लिए हाजिरी लगाने और रंग बिरंगे कपड़ों संग परिधानों में रौनक देखते ही बनती है। मान्‍यता है कि पूरे परिवार के साथ काशी में भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं और मां गंगा बाबा दरबार के करीब ही होकर अर्धचंद्राकार स्‍वरुप में उत्‍तरवाहिनी होकर बहती हैं। इस लिहाज से काशी में गंगा पूजन की मान्‍यता लोगों में खूब है।