
काम की बात : सरकारी कंपनी कनवर्जेन्स एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) ने ग्राम उजाला कार्यक्रम के तहत 50 लाख एलईडी बल्ब बांटने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. बिजली मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) की सहायक कंपनी सीईएसएल ने ग्राम उजाला कार्यक्रम की परियोजना ‘करोड़’ के तहत 50 लाख एलईडी बल्ब बांटने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है.
ग्राम उजाला योजना बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के ग्रामीण परिवारों में लागू की जा रही है. इस योजना का मकसद पुराने पीले बल्क को हटाकर एलआईडी बल्ब लगाए जाएं जिससे कि बिजली बचे और कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके. एलईडी से बिजली बिल की बचत होती है और बिजली बचने से कोयला या गैस की खपत कम होगी.
पीले बल्ब जहां 200 वॉट के होते हैं, वहीं एलडी 4 वाट का भी ले लें तो अच्छी रोशनी मिल जाती है. सरकार ने इस तरह के बल्ब की बिक्री बढ़ाने के लिए सब्सिडी देने का प्रावधान शुरू किया गया है. सभी राज्य अपने-अपने हिसाब से इसकी योजना चलाते हैं. बिजली का बिल दिखाकर कम रेट पर एलईडी बल्ब लिए जा सकते हैं.
सीईएसएल ने इस वर्ष मार्च में गांवों में सस्ती कीमत यानी 10 रुपये में एलईडी बल्ब वितरित करने की योजना शुरू की थी. इस महीने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस, 2021 के अवसर पर सीईएसएल ने एक दिन में ही 10 लाख एलईडी बल्ब वितरित करने का महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किया. अगर खुले बाजार में ये बल्ब खरीदे जाएं तो 100 रुपये के आसपास कीमत देनी होगी. सीईएसएल की इस योजना का लाभ देश के कई राज्यों में लोगों ने उठाया. प्रोग्राम की सफलता को देखते हुए सीईएसएल इसे और आगे बढ़ा रहा है. इससे देश के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा.
सीईएसएल परंपरागत पीले बल्बों के बदले 10 रुपये प्रति बल्ब की कीमत पर तीन साल की गारंटी के साथ उच्च क्वालिटी के सात वॉट और 12-वॉट के एलईडी बल्ब उपलब्ध करा रही है. इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक परिवार अधिकतम पांच बल्ब प्राप्त कर सकता है. बाजार में इस वॉटेज के बल्ब खरीदने जाएं तो 100 रुपये से अधिक देने होंगे और गारंटी के नाम पर 1 साल मिलेगा. इससे कहीं अधिक क्वालिटी और गांरटी के साथ 10 रुपये में बल्ब मिल रहे हैं, वो भी सात और 12 वॉट में. आम लोगों के बीच इस योजना का फीडबैंक बहुत अच्छा देखा जा रहा है.
अभी यह ग्राम उजाला योजना बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के ग्रामीण परिवारों में लागू की जा रही है. इससे इन राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल 71,99,68,373.28 यूनिट बिजली बचत का अनुमान है. इससे लागत के रूप में सालाना करीब 250 करोड़ रुपये की बचत होगी. यह कार्यक्रम 31 मार्च, 2022 तक चलेगा. ऊपर बताए गए राज्य में रहते हैं तो आप इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. कैंप लगाकर बल्ब वितरण का काम किया जाता है जिसके लिए आपको बस पैसे देने हैं और बल्ब मिल जाएगा.
सीईएसएल की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी महुआ आचार्य ने कहा, ‘यह कार्यक्रम ग्रामीण इलाकों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है… कार्बन क्रेडिट के वित्तीय मॉडल पर काम करते हुए हम ‘परियोजना करोड़’ के पूरा होने पर अन्य राज्यों के गांवों में भी इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे.