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यूपी: वाराणसी ढाई गुना वृद्धि के साथ 10 हजार घरों में जले पीएनजी से चूल्हे।
वाराणसी। बड़े शहरों की तर्ज पर छोटे शहरों के लोगों को शीघ्र व सस्ता सुविधा दिलाने की कवायद में गैस अथारिटी आफ इंडिया गेल ने बीते तीन वर्षों में शहर के 10 हजार घरों में पीएनजी से गैस चूल्हा जला दी है। जनवरी में चार हजार घरों में चूल्हे जल रहे थे। बता दें कि पांच सालों में 40 हजार घरों तक पीएनजी पाइपलाइन पहुंचाने का लक्ष्य है। अब दो साल बचे हुए हैं। इसे पूरा करने के लिए कंपनी जोर-शोर से काम कराने में जुटी हुई है।
वहीं पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरिंग बोर्ड पीएनजीआरबी के तहत पांच साल की परियोजना में काम को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। पीएम एनर्जी गंगा परियोजना अंतर्गत डीएलडब्ल्यू, नदेसर, बीएचयू, भेलूपुर, अतुलानंद में पाइपाइप लाइन गई है। इसके साथ आगे का काम जारी है। जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में काम प्रभावित हुए हैं। चूंकि बचे दो सालों में और 30 हजार घरों तक पीएनजी आधारित चूल्हा जलाना एक चुनौती भी है।
वहीं दूसरी तरफ़ पीएनजी गैस घरों में आपूर्ति होने वाले एलपीजी सिलेंडर की तुलना में 40 से 50 फीसदी सस्ता है। इसका इस्तेमाल करने पर मीटर रीडिंग के जरिए कुकिंग गैस का बिल तय किया जा रहा है। यहां पीएनजी लाइन में गैस की आपूर्ति इलाहाबाद के फुलपूर से होगी। इसके लिए बीएचयू में डीआरएस स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा डीएलडब्लू परिसर में भी पीएनजी की आपूर्ति की जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ़ घरों में आपूर्ति होने वाली कुकिंग गैस को पाइपलाइन के जरिए आपूर्ति किया जाता है। इसके रख-रखाव का जिम्मा गैस अथारिटी आफ इंडिया यानी गेल के पास होता है। 515 फीसदी तक प्राकृतिक गैस हवा के साथ मिलने पर आग पकडऩे की आशंका होती है। वहीं एलपीजी सिलेंडर में लीकेज की वजह से हवा में दो फीसदी भी इसकी मात्रा हो तो आग पकडऩे की आशंका बढ़ जाती है।