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यूपी: वाराणसी बीएचयू में नए बैच नहीं आने पर चि‍कित्‍सकों की कमी को देखते हुए नियुक्त किए गए 124 न्यू जूनियर डाक्टर।

यूपी: वाराणसी बीएचयू में नए बैच नहीं आने पर चि‍कित्‍सकों की कमी को देखते हुए नियुक्त किए गए 124 न्यू जूनियर डाक्टर।


वाराणसी। जूनियर डाक्टरों की कमी का दंश झेल रहे चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू की अब यह समस्या का समाधान हो गया है। संस्थान ने 124 जूनियर डाक्टरों का चयन अस्थायी रूप से कर लिया है। इससे जूनियर रेजिडेंट के नए बैच आने से जूनियर डाक्टरों की कमी दूर हो जाएगा। इनकी नियुक्ति के लिए बुधवार को संस्थान में साक्षात्कार हुआ था। 

वहीं नव नियुक्त अस्थायी जूनियर डाक्टरों को जल्द ही ज्वाइनिंग लेटर भी मिल जाएगा। इससे एक ओर जहां उपचार बेहतर हो सकेगा वहीं दूसरी ओर इन नए डाक्टरों को एक बड़े संस्थान का अनुभव भी मिल जाएगा। वहीं करीब दो सप्ताह तक इसी मांग को लेकर हड़ताल करने वाले जूनियर रेजिडेंटों का अतिरिक्त बोझ भी कम हो जाएगा।

बता दें कि सुप्रीप कोर्ट में नीट-पीजी काउंसिलिंग के लिए देरी से होने वाली सुनवाई के खिलाफ चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के जूनियर रेजिडेंटों (जेआर) ने करीब दो सप्ताह तक हड़ताल किया था। इसके कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी थी। जेआर का कहना था कि नए बैच के जेआर की नियुक्ति हर साल मई में हो जाती है। हालांकि इस साल कोरोना के कारण सारी प्रक्रिया देरी से हुई। जेआर का आरोप था कि सुप्रीमकोर्ट के विलंबित निर्णय की वजह से अभी तक जेआर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जेआर प्रथम वर्ष की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण उनपर अतिरिक्त भार पड़ गया है और चिकित्सा शिक्षा भी प्रभावित हो रही है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई की तिथि छह जनवरी की गई। इस देरी के खिलाफ करीब दो सप्ताह से जेआर पूरे देश में फोर्डा (फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया) के आह्वान पर हड़ताल किए। इसको ध्यान में रखते हुए संस्थान की ओर से अस्थायी तौर पर इंटर्न की नियुक्ति के लिए सात दिसंबर को ही विज्ञापन जारी कर दिया गया था। शुरू में 30 इंटर्न की नियुक्ति होनी थी।

लेकिन बाद में वहीं 100 और पद की स्वीकृति मिल गई। इसके लिए एमबीबीएस पास इंटर्नशिप पूरा कर चुके अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। हालांकि 124 अभ्यर्थी ही पहुंचे, जिनका चयन कर लिया गया है। ऐसे में अगर जेआर हड़ताल पर भी जाते हैं तो चिकित्सा सेवा बाधित नहीं होगी। हालांकि यह नियुक्ति फिलहाल एक माह के लिए की गई है। जरूरत पड़ने पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।