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यूपी: वाराणसी में घटना-दुर्घटना में घायल 180 मरीजों ने आयुष्मान योजना में मुफ्त इलाज कराकर बचाई जान।
वाराणसी। आयुष्मान भारत योजना के तहत बने गोल्डेन कार्ड से उपचार के बाद मरीजों को आयुष्मान होने का आशीर्वाद मिल रहा है। उनकी जान बचने के साथ ही उनके परिवार भी बर्बाद होने से बच जा रहे हैं। कारण किसी बड़ी सड़क दुर्घटना में घायल हो या फिर कोई बड़ी बीमारी से ग्रसित, उनके उपचार में लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। उपचार के लिए लोग कर्ज लेते हैं या जमीन-जायदाद तक गिरवी भी रखने को मजबूर हो जाते हैं।
वहीं जिसके पास यह भी नहीं है, उनकी मौत उपचार के अभाव में हो जाती है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना ऐसे मरीजों के जीवन के लिए खेवनहार बन रही है। इस योजना के तहत कार्ड धारक का पांच लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार होता है।
बता दें कि वहीं दूसरी तरफ़ चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित ट्रामा सेंटर के आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह बताते हैं कि ट्रामा सेंटर की इमरजेंसी में आने वाले हर घायलों से पहले पूछा जाता है कि उनका आयुष्मान भारत कार्ड है या नहीं। अगर कार्ड बना रहता है तो तत्काल मुफ्त उपचार की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। इसके लिए यहीं पर एक कार्यालय भी खुला है, जहां पर कर्मचारी मरीजों की मदद करते हैं। प्रो. सिंह ने बताया कि इस साल 180 मरीजों का मुफ्त में उपचार हुआ, जिन पर सरकार ने उपचार के लिए 54.71 लाख रुपये खर्च किया है।
वही दूसरी तरफ़ सिंगरौली, मध्यप्रदेश के गांव भेलगढ़ निवासी रामकृष्ण सड़क दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी हो गए। वे इतने गंभीर रूप से घायल थे कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ट्रामा सेंटर में चार बार आपरेशन करना पड़ा था। यही नहीं इनकी स्थिति इतनी गंभीर थी कि उन्हें करीब तीन सप्ताह तक आइसीयू में भी भर्ती रहना पड़ा। अब वह सामान्य वार्ड में भर्ती हैं और स्थिति में काफी सुधार हैं। उनके भाई बालकृष्ण ने बताया कि अगर सरकार की ओर से आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड नहीं बना रहता तो उनके भाई की जान नहीं बचती। कारण कि उपचार में दो से तीन लाख रुपये लगने वाले थे, जो हम लोगों के लिए जुटा पाना संभव नहीं था। बीएचयू में आयुष्मान कार्ड से मुफ्त में उपचार हो रहा है।
वहीं दूसरी तरफ़ मंडुआडीह निवासी ओम बाबू जायसवाल अपनी माता का उपचार बीएचयू के ट्रामा सेंटर में करा रहे हैं, जो सड़क दुर्घटना में घायल हो गईं थीं। उनका आपरेशन भी हुआ, जिसमें एक लाख रुपये से अधिक खर्च होने वाला था। हालांकि आयुष्मान कार्ड की वजह से उनको कर्ज नहीं लेना पड़ा और बेहतर उपचार भी मुफ्त में हो रहा है। ओम बाबू व उनके पिता पप्पू जायसवाल की माली हालत ठीक नहीं हैं, जिसके कारण वे आपरेशन व उपचार कराने में सक्षम नहीं हैं। हालांकि अब मरीज की स्थिति में काफी सुधार है। जल्द ही अस्पताल से छुट्टी हो जाएगी।