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यूपी: ठंड ने बढ़ा दिया हार्ट अटैक का खतरा, सामान्य दिनों के मुकाबले 20 प्रतिशत अधिक हुई हार्ट अटैक की घटनाएं।
गोरखपुर। 35 वर्ष के दांत के एक डाक्टर एक दिन अचानक बेहोश हुए, स्वजन डाक्टर के पास ले गए तो पता चला कि हार्ट अटैक हुआ है। न तो कोई पुराना इतिहास और न ही कभी कोई दिक्कत के बीच हार्ट अटैक की जानकारी से सभी दंग रह गए। जांच में धमनियों में रुकावट मिली। ऐसे ही रुस्तमपुर निवासी एक 30 वर्षीय युवक घर में खड़े-खड़े गिरा। जांच में पता चला कि हार्ट अटैक हुआ है। हृदय की धमनियों में रुकावट वजह बनी है। युवक का लखनऊ में इलाज चल रहा है।
वहीं दूसरी तरफ़ ठंड में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ठंड में नसें ज्यादा सिकुड़ती हैं और सख्त बन जाती हैं। नसों को गर्म और सक्रिय रखने के लिए खून का बहाव तेज होता है, इससे रक्तचाप भी बढ़ जाता है। रक्तचाप बढऩे पर यदि दिल की धमनियों में कहीं भी रुकावट होती है तो हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। अभी कुछ दिन ही ठंड पड़ी लेकिन सामान्य दिनों की तुलना में युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। चलते-चलते कई युवा अचानक बेहोश होकर गिर जा रहे हैं।
वहीं सीने, बांह, कोहनी या छाती की हड्डियों में असहजता, दबाव, भारीपन, दर्द का अहसास, गैस बनना, थोड़ा दूर चलने पर सांस फूलना, परिवार में हार्ट अटैक का इतिहास, मोटापा आदि ज्यादा पानी न पिएं, नमक का प्रयोग कम कर दें और यदि उच्च रक्तचाप की दवा चल रही है तो डाक्टर से जरूर संपर्क कर लें, सूरज निकलने पर ही टहलने जाएं, धूमपान न करें आदि।
वहीं दूसरी तरफ़ जीवनशैली में बदलाव करें, याद रखें जिंदगी न मिलेगी दोबारा, खान-पान संतुलित रखें, पिज्जा-बर्गर, चाट-पकौड़ी, धूमपान, शराब का सेवन, 30 वर्ष की उम्र के बाद रक्तचाप की जांच, जरूरत पडऩे पर ईसीजी, डाक्टर की सलाह पर खून की सामान्य जांच जरूर कराएं। सीने में दर्द हो तो डाक्टर के पास जरूर जाएं भले ही जांच में हृदय से संबंधित कोई समस्या न मिले। गुनगुने पानी से स्नान करें।
वहीं सिगरेट पीने, ज्यादा मोटापा, बढ़े कोलेस्ट्राल के कारण हृदय की धमनियों में रुकावट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। युवा अपने शरीर को लेकर हमेशा बेपरवाह रहते हैं। ठंड में युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में 20 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। युवा समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच जरूर कराते रहें।
वहीं दूसरी तरफ़ सौरभ श्रीवास्तव, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि हार्ट अटैक होने पर जब युवाओं से बीमार के इतिहास के बारे में जानकारी ली जाती है तो वह बताते हैं कि बेचैनी थी, गैस बन रहा था तो लगा कि दिनचर्या में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है। हकीकत यह है कि गैस बनना, घबराहट, पसीना आना, थोड़ी दूर चलने पर सांस का फूलना भी हार्ट अटैक होने का संकेत है।