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वाराणसी : ब्रह्म विद्या विहंगम योग की साधना स्थली में एक साथ 20 हजार लोग साधना कर सकेंगे .
वाराणसी । जिले में सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान की ओर से उमरहा में महर्षि की कृति स्वर्वेद के नाम पर सात मंजिला महामंदिर का 68,000 वर्गफीट में निर्माण किया जा रहा है। इस 180 फीट ऊंचे और 268 पिलरों पर खड़े सात मंजिला भवन में हर तल पर भी महर्षि सदाफल देव के दर्शन कर पाएंगे। सभी तलों पर उनकी साधना मुद्रा में प्रतिमा लगाई जाएगी।
78,800 वर्ग फीट में विस्तारित परिसर में बन रहे महामंदिर की बाहरी दीवारों पर गज समूह, ऋषिकाएं व साधक होंगे तो पांच तलों पर भीतरी संगमरमरी दीवारों पर स्वर्वेद के दोहे उकेरे जा रहे हैं। इसके अलावा दो तलों पर वेद की ऋचाएं, उपनिषद, गीता के ब्रह्म विद्यापरक श्लोक और मानस की चौपाइयां और कबीर की वाणी भी होगी। मंदिर के शीर्ष पर 125- 125 पंखुडि़यों वाले कमल भी होंगे। जीआरसी तकनीक से बनी पंखुडिय़ों को गुजरात के नौसारी से मंगाया गया है।
ब्रह्म विद्या विहंगम योग की साधना स्थली में एक साथ 20 हजार लोग साधना कर सकेंगे। छठें तल पर दो आडिटोरियम भी होंगे। हर एक में 238 लोग बैठ सकेंगे। मंदिर निर्माण में तीन लाख घन फीट सफेद मार्बल और इतने ही सैैंड स्टोन का उपयोग किया जा रहा है।
संस्थान के संत विज्ञान देव महाराज के अनुसार हर्षि सदाफल देव महाराज को समर्पित स्वर्वेद महामंदिर संतों-ऋषियों से विरासत में मिली भारतीय संस्कृति और ज्ञान को सहेजने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है। यह स्थापत्य व संरचना की दृष्टि से भी अनूठा होगा।