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यूपी चुनाव 2022: तीन दिन के दौरे पर ECI की टीम, चुनाव कराने या टालने पर होगा फैसला

यूपी चुनाव 2022: तीन दिन के दौरे पर ECI की टीम, चुनाव कराने या टालने पर होगा फैसला

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा निर्वाचन 2022 (UP Election 2022 Election Commission) की तैयारियों की समीक्षा के लिए भारत निर्वाचन आयोग आज लखनऊ पहुंच रहा है. चुनाव आयोग की टीम यहां लखनऊ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ मीटिंग करेंगे ( Meeting With Administrative Officials And Political Parties ). खबरों की मानें तो सभी जिलों के एसपी और एसएसपी को भी लखनऊ बुलाया गया है.


 मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (CEC Sushil Chandra) और चुनाव आयुक्त राजीव कुमार व अनूप चंद्र पांडेय के साथ आज लखनऊ पहुंचेंगे.ओमीक्रोन के कारण कोविड की तीसरी लहर की आशंका के चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव टालने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सुझाव के एक दिन बाद, मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को कहा था कि अगले सप्ताह उनकी उप्र की यात्रा के बाद इस मुद्दे पर कोई उचित फैसला किया जाएगा.मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने उच्च न्यायालय की टिप्पणी को लेकर यहां पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में संवाददाताओं से कहा, "मैं अगले हफ्ते उत्तर प्रदेश का दौरा करूंगा. स्थिति की समीक्षा करने के बाद स्थिति के अनुरूप उचित फैसला किया जाएगा. चंद्रा से पूछा गया था कि क्या चुनाव स्थगित करना संभव है.

क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जतायी है.चंद्रा ने कोविड के कारण आयोग द्वारा उठाए गए विभिन्न सुरक्षा उपायों का भी जिक्र किया लेकिन यह आश्वासन भी दिया कि वायरस के प्रसार पर काबू पाने के लिए संवैधानिक स्थिति के अनुसार जो कुछ भी आवश्यक होगा, वह किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोविड-19 की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने तथा चुनावों को टालने पर विचार करने का आग्रह किया है.बता दें कि, केंद्र ने चुनाव वाले राज्यों को कोविड-19 रोधी टीकाकरण में तेजी लाने की सलाह दी है.केंद्र ने सोमवार को चुनाव वाले राज्यों को सलाह दी कि वे समस्त पात्र आबादी को कोविड-19 की पहली खुराक देने में तेजी लाएं और यह सुनिश्चित करें कि जिन्हें दूसरी खुराक नहीं मिली है, उन्हें वह दी जाए.चुनाव वाले राज्यों को जांच में तेजी लाने की भी सलाह दी गई है ताकि संक्रमितों की तुरंत पहचान कर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों को समय पर शुरू किया जा सके.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पांच राज्यों उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और पंजाब के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें इन राज्यों में कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों और टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की गई.



बयान में कहा गया है कि एक ओर उत्तराखंड और गोवा का पहली और दूसरी खुराक देने का औसत राष्ट्रीय औसत से अधिक बताया गया है, तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश, पंजाब और मणिपुर में टीकाकरण की दर राष्ट्रीय औसत से कम है.मंत्रालय ने बयान में कहा था, 'राज्यों को सलाह दी गई है कि वे पहली खुराक के लिए पात्र समस्त आबादी के कोविड-​​​​19 रोधी टीकाकरण में तेजी लाएं और यह सुनिश्चित करें कि जिन्हें दूसरी खुराक नहीं मिली है, उन्हें दूसरी खुराक दी जाए