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यूपी: वाराणसी एयरपोर्ट पर मार्च 2022 से चेहरा स्कैन कर मिलेगी उड़ान की अनुमति।
वाराणसी। लोकसभा में गुरुवार को सांसद वरुण गांधी और राम शंकर कठेरिया के द्वारा डीजी यात्रा अर्थात चेहरा पहचान तकनीक एफआरटी को लेकर पूछे गए सवाल पर नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने बताया कि अभी तक देश में किसी भी एयरपोर्ट पर चेहरा पहचान तकनीक (एफआरटी) शुरू नहीं हुई है, लेकिन मार्च, 2022 तक इसे चार एयरपोर्ट पर शुरू करने की योजना है।
वहीं जिसमें वाराणसी, पुणे, कोलकाता और विजयवाड़ा का नाम शामिल है। वर्ष 2018 में सरकार द्वारा देश के चार एयरपोर्ट पर डीजी यात्रा प्रारंभ करने को लेकर घोषणा की गई थी। यह सुविधा लागू हो जाने से जांच के समय लंबी कतार नहीं लगेगी और यात्रियों के समय की बचत होगी। वहीं डीजी यात्रा सेवा प्रारंभ हो जाने से एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद टर्मिनल भवन में प्रवेश से लेकर विमान में बैठने तक यात्रियों की आईडी व टिकट आदि की जांच हाथ से नहीं की जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ़ प्रवेश के समय गेट पर लगे टिकट स्कैनर के सामने टिकट रखा जाएगा, जिससे एयरलाइंस के डेटाबेस से मिलान करने के बाद यात्री को आगे चेहरे और आइरिस के जांच की अनुमति दी जाएगी। फेस स्कैनर और आइरिस स्कैनर से यात्री के चेहरे और आइरिस को स्कैन किया जाएगा। उसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के आनलाइन डेटाबेस से यात्री के डेटा जैसे चेहरे और आइरिस का मिलान होगा।
वहीं सभी जानकारियां सही पाए जाने पर गेट आटोमैटिक ही खुल जाएगा और यात्री को अंदर प्रवेश मिल जाएगा। यदि डेटाबेस का मिलान करने में कोई त्रुटि पाई जाती है तो यात्री को प्रवेश नहीं मिल पायेगा। यह भी बता दें कि पहली बार डीजी यात्रा के माध्यम से यात्रा करने वाले यात्री को पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी आदि को स्कैन कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यह रजिस्ट्रेशन केवल एक बार होगा, उसके बाद कभी भी डीजी यात्रा सुविधा से जुड़े एयरपोर्ट से गुजरते समय यात्री इसका लाभ उठा सकेंगे।
वहीं यह सुविधा टर्मिनल भवन के द्वितीय प्रवेश द्वार से प्रारंभ की जाएगी। प्रथम प्रवेश द्वार पर यात्रियों को पहले के तरह ही प्रवेश दिया जाएगा। जो यात्री डीजी यात्रा के लिए कियॉस्क से रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे उनको इस प्रवेश द्वार से जांच करने के बाद अंदर प्रवेश दिया जाएगा। वर्तमान में अभी एक ही गेट पर यह सुविधा रहेगी लेकिन भविष्य में एयरपोर्ट टर्मिनल भवन के दोनों गेटों पर मशीनें स्थापित कर दी जाएंगी। अधिकारियों नहीं अभी बताएगी जो यात्री इस सुविधा का लाभ नहीं लेना चाहेंगे।